अटलजी की सरकार में डॉ. अम्बेडकर को भारतरत्न का सम्मान दिया गया, लेकिन कांग्रेस तो उन्हें संविधान सभा की ड्राफ्ट कमेटी का चेयरमेन नहीं बनाना चाहती थी – लक्ष्मीकांत

रायपुर। 15 से 25 अप्रैल तक भाजपा के कार्यकर्ता अनुसूचित बस्तियों में जाएंगे और बताएंगे कि डॉ. बाबासाहब अंबेडकर का अपमान कांग्रेस ने क्यों किया और डॉ. अम्बेडकर का सम्मान भाजपा ने कैसे किया। कांग्रेस ने डॉ. अम्बेडकर का अपमान और भाजपा ने डॉ. अम्बेडकर का सम्मान करने के लिए क्या-क्या काम किया, यह बात हम हर अजा परिवार की चौखट तक पहुँचाएंगे। प्रत्येक जनपद से 25 लोगों का चयन होगा जो 5 – 5 अनुसूचित समाज के प्रमुख लोगों से सम्पर्क करेंगे। यह अनुसूचित क्षेत्र के लोग भाजपा कार्यकर्ता नहीं होंगे, गैर भाजपा लोगों के साथ मिलकर वार्ता करेंगे। बाबासाहब का अपमान और बाबासाहब का सम्मान अनुसूचित वर्ग के टीचर्स, प्रोफेसर्स, डॉक्टर, वकील, इन सभी के साथ कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो समाज का नेतृत्व करता होगा ऐसे लोगों को भी चयनित कर हम उनके दरवाजे तक जाएंगे।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि लोकसभा के चुनाव में एक लाल किताब दिखाकर संविधान का रक्षक होने करने का दावा कर कांग्रेस ने एक नैरेटिव सेट करने का भी काम किया था। कांग्रेस द्वारा लगातार डॉ. अम्बेडकर के किए गए अपमानों की चर्चा करते हुए कहा कि कांग्रेस ने बाबासाहेब को मुंबई प्रेसीडेंसी के चुनाव में हरवाया, संविधान सभा का चुनाव हरवाया, संविधान सभा का चुनाव हरवाने के बाद हिंदू महासभा के सदस्य द्वारा रिक्त किए स्थान पर अंबेडकर को भेजा गया। कांग्रेस तो बाबासाहब अंबेडकर को संविधान सभा की ड्राफ्ट कमेटी का चेयरमेन नहीं बनाना चाहती थी लेकिन डॉ. अम्बेडकर चेयरमेन बने और भारत को उसकी माटी का यह संविधान मिला। इसी प्रकार 1952 के लोकसभा चुनाव में और 1954 में भण्डारा के उपचुनाव में कांग्रेस ने डॉ. अम्बेडकर को हरवाया। बाद में कांग्रेस ने डॉ. अम्बेडकर को हराने वाले प्रत्याशी को पद्मविभूषण से सम्मानित किया। उस कांग्रेस से अजा वर्ग की समर्थक होने और डॉ. अम्बेडकर के प्रति सम्मान होने की कल्पना भी बेमानी है।
भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री वाजपेयी ने बताया कि संसद के केंद्रीय कक्ष में स्वाधीनता सेनानी और संविधान निर्माण में सहयोग करने वाले वरिष्ठ नेताओं के चित्र लगे हुए हैं लेकिन डॉ. अंबेडकर का चित्र कांग्रेस और तत्कालीन प्रधामंत्री नेहरू ने नहीं लगने दिया। जब स्व. अटलबिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने तब वहाँ डॉ. अंबेडकर का चित्र लगा। अटलजी के प्रधानमंत्रित्व काल में ही डॉ. अम्बेडकर को भारतरत्न का सम्मान दिया गया। इसी प्रकार डॉ. अंबेडकर के निधनोपरांत उनका अंतिम संस्कार दिल्ली में न हो, इसके लिए कांग्रेस से पूरा जोर लगाया और परिवार को इनका शव लेकर मुंबई जाने के लिए बाध्य किया। उनको मुंबई जाने के लिए विमान तक कांग्रेस ने उपलब्ध नहीं कराया! वाजपेयी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंचतीर्थ विकसित किया- जन्मभूमि महू, शिक्षा भूमि लंदन में मोदी-सरकार ने बाबासाहेब अंबेडकर का स्मारक बनवाया, दीक्षा भूमि नागपुर पर स्मारक बनवाया, दिल्ली स्थित परिनिर्वाण स्थल को भी मोदी सरकार ने स्मारक के रूप में स्थापित किया और मुम्बई की चैत्य भूमि, जहाँ डॉ. अम्बेडकर का अंतिम संस्कार हुआ था, आज लाखों लोग वहाँ हर साल पहुँचते हैं। स्टैचू ऑफ इक्वलिटी बनाने का कार्य मोदी सरकार कर रही है। भीम एप भी बनाया गया है। डॉ. अम्बेडकर की 125वीं जन्म-जयंती भारत के अलावा 120 देशों में मनाई गई। 26 नवंबर को संविधान दिवस घोषित किया गया। डॉ. अंबेडकर की जयंती को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। इसके अलावा केंद्र की मोदी सरकार के कार्यकाल में डॉ. अम्बेडकर के सम्मान में किए गए कार्यों की भी चर्चा उन्होंने की।
इस दौरान प्रदेश के मंत्री दयालदास बघेल, सांसद कमलेश जांगड़े, विधायक मोतीलाल साहू, पूर्व मंत्री एवं विधायक पुन्नूलाल मोहले, भाजपा अजा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. नवीन मार्कण्डेय और भाजपा मीडिया सह प्रभारी अनुराग अग्रवाल भी उपस्थित थे।
