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30 बिस्तर तक के अस्पतालों को नर्सिंग होम एक्ट में रजिस्ट्रेशन से बाहर रखा जाए

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रायपुर। एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स इंडिया (एएचपीआई) छत्तीसगढ़ ने प्रदेश में 30 बिस्तर तक के अस्पतालों को क्लीनिकल एस्टाब्लिशमेंट एक्ट (नर्सिंग होम एक्ट) में पंजीकरण से छूट के नियम को अतिशीघ्र लागू करने की मांग की है।
एएचपीआई छत्तीसगढ़ चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने इस सन्दर्भ में कहा कि हाल ही बिहार कैबिनेट ने 40 बिस्तर तक के अस्पतालों को नर्सिंग होम एक्ट के तहत पंजीयन करने की छूट के प्रावधान को मंजूरी दी है। छत्तीसगढ़ में भी 30 बिस्तर तक के अस्पतालों को नर्सिंग होम एक्ट में पंजीयन की आवश्यकता से बाहर रखने का नियम बन चुका है लेकिन इसे आज दिनांक तक लागू नहीं किया गया है।
डॉ. गुप्ता ने स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य सचिव से अपील की है कि सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारीयों को 30 बिस्तर तक के अस्पतालों को नर्सिंग होम एक्ट में पंजीयन की परिधि से बाहर रखने के लिए निर्देशित करें जिससे छोटे नर्सिंग होम और एकल डॉक्टर क्लिनिक निर्बाध रूप से प्रदेश के लोगों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान कर सकें।

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