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साइबर क्राइम पर अपनों से घिरे गृहमंत्री

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रायपुर। विधानसभा में भाजपा विधायकों ने साइबर क्राइम को लेकर सरकार को घेरा। भाजपा विधायक सुनील सोनी, राजेश मूणत और अजय चंद्राकर ने प्रश्नकाल में राज्य में बढ़ा साइबर क्राइम को लेकर सवाल किए। रहे
रायपुर दक्षिण विधायक सुनील सोनी ने कहा कि प्रदेश में साइबर ठगों के चंगुल में लगातार लोग फंस रहे हैं। साइबर विशेषज्ञ नियुक्त नहीं किया गया है। साइबर थाना है, लेकिन कहां है, लोग नहीं जानते। 16 हज़ार से ज्यादा अपराध दर्ज है, ऐसा एनसीआरबी भी बता रहा है, एआई भी बता रहा है।
डिप्टी सीएम और गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि साइबर थाना ही नहीं बल्कि रायपुर में कम्पोजिट साइबर भवन है, हम सदस्य को वहां ले जाएंगे। विशेषज्ञ की नियुक्ति भी जल्द होगी। उन्होंने कहा कि छह महीने की ट्रेनिंग लेकर साइबर के एक्सपर्ट आ चुके हैं, वो विशेषज्ञ से कम नहीं है।
उन्होंने बताया कि साइबर अपराध के 1301 आपराधिक प्रकरण दर्ज हुए हैं.। एआई पर ज्यादा विश्वास नहीं करें। हम सही आंकड़े दे रहे हैं। साइबर थाने की बात नहीं, बल्कि साइबर सेल की बात हर जिले में हुई थी। एनसीआरबी का डाटा 2022 के बाद आया ही नहीं, फिर नई जानकारी कैसी आएगी?
इस पर सुनील सोनी ने सवाल किया कि जनवरी 2024 से जून 2025 तक कितने लोगों को जेल भेजा गया? इस पर गृह मंत्री ने बताया कि बैंक वालों पर 3 प्रकरण दर्ज किया गया है। 7 आरोपियों को जेल डाला गया है।
भाजपा विधायक राजेश मूणत ने कहा कि अधिकारी लगातार ट्रेनिंग लेकर आ रहे हैं, फिर भी साइबर क्राइम के मामले लगातार आ रहे हैं। 107 करोड़ राशि ठगे गए हैं, 3 करोड़ राशि ही वापस हो पाए। इसके लिए एक आईजी स्तर का अधिकारी नियुक्त होना चाहिए। पैसे वापसी की प्रक्रिया कोर्ट से होकर गुजरती है। आईजी स्तर के अधिकारी की नियुक्ति इसमें होती है, जो हो चुकी है।
भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने पूछा कि साइबर क्राइम रोकने कितने कमांडो तैयार किए गए हैं? नियुक्ति कितने की हुई? विशेषज्ञों की भर्ती कब होगी? इस पर मंत्री ने कहा कि विशेषज्ञों की भर्ती प्रक्रियाधीन है।

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