राजधानी में पांचवी बार ऐतिहासिक निःशुल्क कन्यादान का आयोजन
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जीवन में ‘कन्यादान’ का पुण्य, सबसे बड़ा पावन पुण्य माना गया है जिसे ये मिल जाये उनका जीवन पवित्र हो जाता है और यदि यही ‘कन्यादान’ ‘माँ दुर्गा जी’ के पवित्र 9 स्वरूपी कन्याओ का हो तो वह एक पवित्र महायज्ञ बन जाता है। इसी पावन सोच के साथ संस्था द्वारा माता स्वरूपी 9 कन्याओं का 10 नंवबर 2024 को पांचवी बार ऐतिहासिक निःशुल्क कन्यादान आयोजन कराया जा रहा है।
समाज के पूज्यनीय संतो और समाजसेवीओं के आशीर्वाद रूपी सहयोग और मार्गदर्शन से सामाजिक संस्था सेवा ५ पथ द्वारा पिछले 4 वर्षों से माँ दुर्गा जी के पवित्र नौ स्वरूपी 36 कन्याओं का मर्यादा पूर्वक कन्यादान करा चुकी है।
संस्था के प्रमुख पहलाज खेमानी व संजय लालवानी ने बताया कि संस्था के उद्देश्यों के अनुसार सभी शहरों को इस सेवा का लाभ पहुंचाने के लिए अब तक महाराष्ट्र, राजस्थान, उड़ीसा व मध्यप्रदेश के वर वधुओं ने इस आयोजन में शामिल होकर परिणय सूत्र में बंधकर दाम्पत्य जीवन का शुभारंभ किया है। संस्था के मीडिया प्रभारी विक्की पंजवानी ने बताया कि इस वर्ष भी महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश सहित छत्तीसगढ़ के परिवार कन्यादान आयोजन का लाभ ले रहे है।
संस्था के राजकुमार पंजवानी, राजा बजाज व दीपक केवलानी ने बताया कि हर वर्ष की तरह इस आयोजन में कोई कैश काउंटर नहीं रखा गया है यानी कि किसी से दान की मांग नहीं की जाएगी जिन्हें कोई उपहार देना हो वे स्वयं आकर वर वधु को रिसेप्शन में दे सकते है।
संस्था की श्रीमती सुलोचना नारायणी, श्रीमती मीना सरिता चंदानी ने जानकारी दी कि इस कन्यादान आयोजन से समाज में हो आडंबर व बहुत ही खर्चीले विवाह करने वाले परिवारों को कम खर्च में भी आदर्श व्यवस्थित विवाह करने की प्रेरणा मिली है साथ ही इसमे सक्षम माता पिता भी शामिल होकर अपनी बिटिया का विवाह कर सकता है । जिससे समाज को अमीर गरीब का फर्क ही महसूस न हो पायेगा।संस्था की श्रीमती रेखा धर्मानी, कृपा आहूजा व ज्योति गलानी ने बताया कि इस कन्यादान में विवाह करने वाले वर वधुओं को वो सारी खुशिया मिलेंगी जिनके वो सपने देखे होंगे जैसे कि धूमधाम से मुकुट बंधन, बारात, लेडीस संगीत, माता स्वरूपी कन्याओ की आरती, फेरे (वेदी) और विशाल मंच पर संगीतमय रिसेप्शन आर्केस्टा कर उनके शादी के सारे अरमान पूरे किये जायेंगे।
संस्था के आनंद जगवानी, दिलीप नागपाल, रवि पंजवानी ने बताया कि जिस सज्जन की कोई बेटी नहीं है वे भी निःशुल्क कन्यादान करके पुण्य के भागी बन सकते है।