जनहित याचिकाओं पर अफसरों का शपथ पत्र नहीं पहुंचने से हाईकोर्ट नाराज

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में कई मामलों में दायर जनहित याचिकाओं में सुनवाई चल रही है। इन्ही में शामिल अरपा नदी के संरक्षण और रेत के अवैध खनन को लेकर हाईकोर्ट में चल रही जनहित याचिकाओं की सुनवाई में प्रदेश के डीजीपी, वन सचिव और खनिज सचिव का शपथपत्र अदालत में पेश नहीं किया जा सका। इस पर अदालत ने नाराजगी जताते हुए अगली सुनवाई 13 जून तय कर दी है।अरपा नदी को बचाने की मांग को लेकर एडवोकेट अरविंद शुक्ला और रामनिवास तिवारी ने अलग-अलग जनहित याचिकाएं दायर की हैं। इन याचिकाओं में नदी के उद्गम स्थल की रक्षा करने, प्रदूषण रोकने और सरकार से जरूरी कदम उठाने की मांग की गई है। वहीं ‘अरपा अर्पण महाअभियान समिति’ ने नदी में हो रहे अवैध खनन को लेकर भी याचिका दायर की है।बलरामपुर जिले में हाल ही में रेत माफिया द्वारा एक पुलिस आरक्षक को ट्रैक्टर से कुचलने की घटना ने मामले को और गंभीर बना दिया। इस घटना का स्वतः संज्ञान लेते हुए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने इसे भी अरपा नदी से जुड़ी जनहित याचिकाओं के साथ जोड़ दिया है।
पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने प्रदेश के डीजीपी, वन सचिव और खनिज सचिव को अदालत में शपथपत्र प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बी.डी. गुरु की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई, जहां शासन की ओर से जानकारी दी गई कि शपथपत्र अब तक दाखिल नहीं हो सके हैं।
