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सुख और दुख परिवार के सदस्य नहीं अपितु मेहमान है – आचार्य चंद्रशेखर शास्त्री

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रायपुर। अंतरराष्ट्रीय वेद कथाकार आचार्य चंद्रशेखर शास्त्री ने कहा कि सुख दुख आते-जाते रहते हैं। इसे घबराना नहीं चाहिए । समय पूरा होने पर यह चले जाते हैं। सुख और दुख परिवार के सदस्य नहीं है यह मेहमान हैं,और मेहमान कभी भी कहीं भी परमानेंट नहीं रहता। स्नेह सहयोग सहानुभूति सद्भाव से परिवार स्वर्ग बनता है। स्वर्ग का नाम सुख विशेष है। बड़े-बड़े भवनों से सोने चांदी एकत्रित करने से आप सुखी नहीं हो सकते। आप सुखी तब होंगे जब आपका जीवन पवित्र होगा समर्पित होगा। वैदिक सत्संग समिति एवं विजय लाहोटी परिवार की सौजन्य से आयोजित -परिवार स्वर्ग का द्वार- कार्यक्रम में उन्होने उक्त उद्गार व्यक्त किए।
उन्होने आगे बताया कि एक बार एक परिचित स्वामी जी एक धर्मशाला का दरवाजा खटखटा रहे थे। उन्हें रात्रि में अपने शिष्यों के साथ विश्राम करना था। वहां जो सेवक आया उसने दरवाजा खोला और स्वामी जी से कहा कि यहां ठहरने की व्यवस्था नहीं है। स्वामी जी ने कहा कि आपकी धर्मशाला में कितने कमरे हैं उसने कहा 10 कमरे हैं। खाली है किंतु हम किसी को रुकने नहीं देंगे। स्वामी जी ने कहा – यहां शाला तो है किंतु धर्म नहीं है। जीवन में भवन का मूल्य है। इसकी आवश्यकता भी है। किंतु भावना शून्य व्यक्ति कितना ही बड़ा भवन बना ले, वहां रौनक नहीं आती। जहां सत्संग नहीं होता, विद्वानों का आगमन नहीं होता, यज्ञ नहीं होता, स्वाहा की आहुति नहीं डाली जाती, ऐसे भवनों को आचार्य चाणक्य ने शमशान के तुल्य कहा है। भावना के बिना भवन का कोई मूल्य नहीं है। सेवा की भावना होनी चाहिए। प्रतिदिन ईश्वर से प्रार्थना करो कि मैं किसी के काम आ सकूं। किसी का सुख बढ़ा सकूं। धन उतना मत कमाओ जितना आप कमा सकते हो, धन उतना कमाओ जितने में धर्म का साथ ना छूटे। खाना उतना मत खाओ जितना तुम खा सकते हो खाना उतना खाओ जितना तुम पचा सकते हो। रिश्ते उतने मत बनाओ जितने तुम बना सकते हो रिश्ते उतने बना जितने तुम निभा सकते हो।
कार्यक्रम में विजय लाहोटी संजय शर्मा अजय साहू , राजेंद्र अग्रवाल , एस के पोद्दार, पठानिया, भूपेंद्र, कृष्ण, कमलेश, नंदकुमार आर्य विनीत शर्मा, रवि, अनीता वर्मा, नम्रता दुबे एवं लाहोटी परिवार, शिवन गुप्ता , कमल नारायण आर्य , नंद कुमार आर्य , अजय साहू , संजय शर्मा , जे सी जैन , विलास , डॉ वीके पाठक आदि गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
* कल होगा दार्शनिक संत का प्रवचन
वैदिक सत्संग समिति के राकेश दुबे ने जानकारी देते हुए बताया गुजरात के दार्शनिक संत स्वामी विवेकानंद परिव्राजक का दार्शनिक प्रवचन वृंदावन हॉल में आयोजित किया गया है। यह कार्यक्रम 21 जनवरी की शाम को 5.30 बजे से 8.30 बजे तक चलेगा। इस कार्यक्रम में जीवन की समस्याओं का समाधान, ईश्वर की व्यवस्था,स्वर्ग-नरक आदि विषयों पर जिज्ञासु प्रश्न पूछ सकेंगे। यह कार्यक्रम जीवन निर्माण करने और आध्यात्मिक जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए बहुत ही उपयोगी होगा।

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