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भारत ने यदि बचाया ना होता तो आज मालदीव न होता, मोदी सरकार का कर्ज भूले
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*एडिटर राहुल चौबे की कलम से*
प्रधानमंत्री मोदी से पंगा लेने वाले मालदीव को मुंह की खानी पड़ी है। दरअसल जिस मालदीव का गुजारा पर्यटन से होता है वह भारत के बारे में अनाप शनाप बयान दे रहा है। जिस मालदीव को भारत ने खड़ा किया वह भारत को ही आंख दिखा रहा है। लेकिन राष्ट्रपति मोइज्जू को भारत के खिलाफ चलना अब भारी पड़ेगा। चीन और तुर्की की ओर मोइज्जु का झुकाव साफ साबित करता है कि मालदीव भारत विरोधी है।
मालदीव को एक बार भारत का एहसान याद करना चाहिए। भारत ने 2018 में पानी संकट के बीच उन्हे लाखो लीटर पानी भेजा, शुरुआत में मालदीव के आजाद होते ही भारत ने उसे मान्यता दे दी। 1965 में माले में भारत ने सबसे पहला मिशन खोला। फिर 1988 में सेना भेजकर मौमून अब्दुल गयूम की सरकार को बचाया था।
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