खुशखबरी : आज से खुल जाएंगे जगन्नाथ मंदिर के चारों द्वार, ओडिशा की पहली कैबिनेट मीटिंग
ओडिशा की भाजपा सरकार ने अपनी पहली ही कैबिनेट बैठक में पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर को लेकर बड़ा फैसला लिया है। कैबिनेट ने गुरुवार यानी आज सुबह जगन्नाथ मंदिर के सभी चार द्वारों को फिर से खोलने का फैसला किया है।
इसके अलावा, इस 12वीं शताब्दी के मंदिर की तत्काल आवश्यकता के लिए एक कोष स्थापित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने राज्य सचिवालय लोक सेवा भवन में अपने मंत्रियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करने के बाद यह बात कही।
पहली कैबिनेट बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने बताया कि श्री जगन्नाथ मंदिर के चार द्वार खोलना कैबिनेट द्वारा बुधवार को अपनी पहली बैठक में लिए गए चार निर्णयों में से एक है।
उन्होंने कहा कि मंत्रिपरिषद के रात पुरी जाएंगे और गुरुवार सुबह भगवान की “मंगल आलती” देखने के लिए मंदिर जाएंगे। उन्होंने कहा कि मंगल आलती के दौरान मंत्रिपरिषद के सभी सदस्य मंदिर में मौजूद रहेंगे और मंदिर के सभी चार द्वार श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।
गौरतलब है कि बीजू जनता दल (बीजद) की पिछली सरकार के दौरान, मंदिर का केवल मुख्य द्वार ही भक्तों के लिए खोला जाता था, जिसको लेकर दर्शनार्थियों में काफी नाराजगी थी, क्योंकि उन्हें भगवान के दर्शन के लिए लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ता था।
चुनावी सभाओं में, भाजपा ने वादा किया था कि नई सरकार के गठन के पहले छह घंटों के भीतर, सभी चार द्वार भक्तों के लिए खोल दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कैबिनेट ने श्री जगन्नाथ मंदिर के विकास, सौंदर्यीकरण और संरक्षण के लिए और भक्तों की कई समस्याओं से निपटने के लिए 500 करोड़ रुपये का एक कोष बनाने का भी फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने महसूस किया कि श्री जगन्नाथ मंदिर के लिए धन संग्रह किया जाना चाहिए। इस योजना को लागू करने के लिए जल्द ही 500 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया जाएगा। श्री माझी ने कहा कि एक अन्य फैसले में (जैसा कि पार्टी के चुनाव घोषणापत्र में वादा किया गया था) समृद्ध कृषक नीति बनाने का निर्णय किया है।
जिसे 100 दिनों के भीतर लागू किया जाएगा। इसमें धान खरीद की दर 3100 रुपये प्रति क्विंटल तय की जाएगी और भुगतान डीबीटी के माध्यम से 48 घंटे के भीतर किसानों को हस्तांतरित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए पिछली बीजद सरकार द्वारा लागू की गई स्वयं सहायता समूह योजना दोषपूर्ण थी और कहा कि मंत्रिमंडल ने अगले 100 दिनों के भीतर राज्य में सुभद्रा योजना को लागू करने का फैसला किया है, जिसके तहत प्रत्येक महिला को 50,000 रुपये का नकद वाउचर मिलेगा, जिसे दो साल में भुनाया जा सकता है।