ChhattisgarhRegion

एंटी रैगिंग और यौन उत्पीडऩ से रुबरु हुई छात्राएं

Share


रायपुर। महिला निवारण प्रकोष्ठ और एंटी रैगिंग प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वावधान में एंटी रैगिंग और यौन उत्पीडऩ विषय पर एक दिवसीय जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्राओं एवं कॉलेज स्टाफ को यौन उत्पीडऩ के प्रति सजग करना और एंटी रैगिंग के अधिकारों से अवगत कराना था।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता श्री विपिन ठाकुर, राज्य समन्वयक (महिला एवं बाल विकास विभाग) ने विशाखा गाइडलाइन की जानकारी दी जो की महिलाओं के कार्य स्थल पर उनके साथ होने वाले अनुचित व्यवहार के लिए महिलाओं के अधिकारों की जानकारी देता है एवं अभिव्यक्ति ऐप के बारे में बताया जो छात्राओं के साथ होने वाले अनुचित व्यवहार के प्रति अधिकारों की जानकारी देता है। उन्होंने हर संस्था में आंतरिक समिति के रूप में महिला निवारण प्रकोष्ठ की अनिवार्यता होने की जानकारी देते हुए कहा कि संस्था में किसी भी प्रकार की यौन उत्पीडऩ होने पर उसकी जांच एवं उसका निवारण 90 दिन के अंदर करने की अनुशंसा की। सेमिनार में छात्रों द्वारा कई महत्वपूर्ण प्रश्न पूछे गए, जिनका श्री ठाकुर ने सरल और स्पष्ट तरीके से उत्तर दिया। उन्होंने सभी को प्रोत्साहित किया कि किसी भी प्रकार की उत्पीडऩ की स्थिति में चुप न रहें और अधिकारपूर्वक आवाज़ उठाएं।
विधि विभाग के प्राध्यापक डॉक्टर वेणु धर ने प्रत्येक संस्था में एंटी रैगिंग प्रकोष्ठ बनाए जाने की अनुशंसा की जो की टेक्निकल और नॉन टेक्निकल महाविद्यालय दोनों के लिए आवश्यक है जहां पर रैगिंग लेने वाले छात्र और छात्राओं के लिए 1 साल की सजा और 10000 का जुर्माना का प्रावधान है। 2011 के रैगिंग प्रति निषेध अधिनियम के तहत यूजीसी का दिशा निर्देश है की रैगिंग करने वाले के खिलाफ शिकायत ,शिकायत बॉक्स में डाला जाए।
कार्यक्रम की समाप्ति पर गुरुकुल महिला महाविद्यालय की प्राचार्यद्य डॉ संध्या गुप्ता ने सभी अतिथियों, प्रतिभागियों और आयोजकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम महिलाओं को आत्मनिर्भर और सजग नागरिक बनने की दिशा में प्रेरित करते है।

GLIBS WhatsApp Group
Show More
Back to top button