गाड़ा समाज ने किया बाजा आयोग बनाने सहित निगम, आयोग में समान सहभागिता की मांग

00 छत्तीसगढिय़ा समाज का बड़ा हिस्सा राजनीतिक प्रकाश पुंज से दूर – यदु
रायपुर। सरकार गठन के बाद विभिन्न आयोग व निगम के पदों पर नियुक्तियां की जा रही हैं, लेकिन अभी तक छत्तीसगढिय़ा समाज के एक बड़े हिस्सा को दूर रखा गया है, जिससे उपेक्षित करने के आरोप के साथ आक्रोश होना स्वाभाविक है। इस संबंध में छत्तीसगढिय़ा सर्व समाज महा संघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश यदु ने पत्र जारी कर मुख्यमंत्री व संगठन प्रमुखों को अवगत कराते हुए वंचित समाज को उचित स्थान देने की मांग करते हुए बाजा आयोग का गठन करने के साथ ही निगम व आयोग में समान सहभागिता दी जाए।
यदि ने मांग करते हुए कहा कि वंचित समाजों में पनिका मानिकपुरी समाज, कोलता समाज, अहिरवार समाज, गडेरी समाज , राठौर समाज, यादव समाज, कहरा समाज , सारथी समाज, कंडरा बसोड समाज, नागरची समाज, धाकड़ समाज, देवांगन समाज, माली समाज, वैष्णव समाज, अमात्य गोंड समाज, सूर्यवंशी समाज, गहरा समाज, महार समाज, सुनार समाज , कुशवाहा समाज, लोधी समाज, बया समाज, सोनकर समाज का उल्लेख कर निगम ,आयोग व मण्डल में इन्हें उचित स्थान देने का आग्रह किया। पत्र में यह भी कहा गया है कि समाज के लोग काफी संख्या में भाजपा के कार्यकर्ता व स्थानीय पदाधिकारी के रूप में कार्य करते हैं तथा इस संबंध में प्रदेश प्रभारी के साथ समाज प्रमुखों की बैठक में बात रखा गया था, जिसमें पूर्ण रुप से सहमति व्यक्त किया गया, लेकिन अभी तक अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति व पिछड़ा वर्ग का एक बडा हिस्सा अपने आपको उपेक्षित महसूस कर रहा है।
श्री यदु ने अपने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ में कई ऐसे समाज हैं जिनको एक नहीं बल्कि कई कई पदों में नियुक्त कर शासन व संगठन में शामिल किए हैं,लेकिन एक बड़े हिस्से को संगठन व सत्ता से दूर रखा गया है इससे स्पष्ट है कि सरकार तथा संगठन छत्तीसगढिय़ा समाज की घोर उपेक्षा कर रही है। उन्होंने मांग किया है कि आने वाले समय में अगर गठन हो रहा है तो सामाजिक प्रमुखों के साथ चर्चा कर पार्टी विचारधारा एवं समाज से जुड़े हुए व्यक्तियों को शामिल करें, जिससे समाज का हर व्यक्ति गर्वान्वित होगा।
