आरक्षक भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी, तीन महिला आरक्षक समेत 6 गए जेल
00 राजनांदगांव में भ्रष्टाचार उजागर होने से हैदराबाद की तकनीकी कंपनी पर उठ रहे सवाल
राजनांदगांव। राजनांदगांव में 8वीं बटालियन में पुलिस भर्ती की प्रक्रिया चल रही लेकिन हैदराबाद की तकनीकी कंपनी पर अभ्यर्थियों ने आंकड़ों पर छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया, इसके बाद मामले का पर्दाफाश हुआ। इस मामले में पुलिस ने कंपनी के दो कर्मचारियों, 3 महिला और एक पुरूष आरक्षक को भी भ्रष्टाचार में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। राजनांदगांव में खामियां सामने आने के बाद समूचे राज्य में कंपनी की भर्ती प्रक्रिया में सहायक के तौर पर काम करने पर सवालों खड़े हो गया है क्योंकि यही कंपनी पूरे राज्य में तकनीकी सहायक बनकर भर्ती में शामिल अभ्यर्थियों के अंकों का डाटा तैयार कर रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शारीरिक दक्षता परीक्षा में उत्साही अभ्यर्थियों को मिलीभगत के खेल में अंक नहीं मिले हैं जबकि कई ऐसे अभ्यर्थी हैं, जिन्होंने बिना शारीरिक दौड़- भाग के अंक हासिल कर लिए। ऐसा इसलिए हुआ कि कंपनी के तकनीकी कर्मचारी आरक्षकों के साथ मिलकर बड़ा खेल कर गए और इसकी भनक ड्यूटी में तैनात राजपत्रित अधिकारियों और निरीक्षकों को भी नहीं लगी। कुछ अभ्यर्थियों ने स्वयं निगरानी कर पूरे मामले का राजफाश किया। राजनांदगांव रेंज के 4 जिलों की भर्ती प्रक्रिया में 65 हजार से ज्यादा अभ्यर्थी आरक्षक बनने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। बेहद चालाकी के साथ तकनीकी कर्मचारियों ने आरक्षकों के साथ अंकों में हेरफेर किया। जाहिर तौर पर कंपनी ने ही पूरे मामले को उलझाकर रख दिया।
चर्चा है कि इस गोलमाल में राजनांदगांव के कतिपय भाजपा नेता और राज्य सरकार के पावरफुल मंत्री के करीबी की भी भूमिका होने की शंका जाहिर की जा रही है। भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी में कथिततौर पर शामिल आरक्षक अनिल रत्नाकर की मौत ने पूरे मामले को और गंभीर बना दिया है। रत्नाकर ने अपने हाथों में खुदकुशी करने से पूर्व अफसरों की भूमिका को लेकर भी जिक्र किया है। माना जा रहा है कि कुछ प्रभावशाली पुलिस अफसरों ने एक तरह से हेराफेरी में मौन सहमति दी थी।
आरक्षक भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी करने वाले आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजने की कार्रवाई की गई। मामले में लालबाग थाना में अपराध दर्ज किया गया था। पुलिस ने तीन महिला आरक्षक समेत कुल 6 लोगों को गिरफ्तार किया है।
भर्ती प्रक्रिया में घोटाले का मामला सामने आने के बाद आला अफसरों के निर्देश पर जांच की गई जिसमें आरोपियों के सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल चैटिंग मैसेज एवं गवाहों के बयान पर आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत पाए जाने पर आरोपी पवन साहू, नुतेश्वरी धुर्वे, आरक्षक धर्मराज मरकाम, आरक्षक योगेश ध्रुवे, महिला आरक्षक पुष्पा चंद्रवंशी एवं महिला आरक्षक परिधि को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।