पहली बार निगम ने कॉलोनाइजर के खिलाफ मामला पुलिस को सौंपा

रायपुर। बोरियाखुर्द में 25 एकड़ में अवैध प्लाटिंग और निर्माण के मामले में नगर निगम के अधिकारियों ने बड़े कॉलोनाइजर-बिल्डर के खिलाफ प्रकरण पुलिस को सौंपा है। यह पहला मौका है जब निगम ने रायपुर के बड़े बिल्डर और कॉलोनाइजर के खिलाफ पुलिस को कोई प्रकरण सौंपा है।
इस मामले में पुलिस ने अब तक एफआईआर दर्ज नहीं की है।
रायपुर नगर निगम ने 369 प्रकरण पुलिस को भेजे हैं। पिछले पांच साल में पुलिस ने 20 मामलों में ही एफआईआर दर्ज की है। परन्तु कोई भी प्रकरण कोर्ट नहीं पहुंचा है। शहर के आउटर बोरियाखुर्द, डुंडा, भाठागांव, कचना, सड्दू, दलदल सिवनी, हीरापुर – जरवाय, सोनडोंगरी, जोरा, सरोना, राजेंद्र नगर, अमलीडीह, देवपुरी, लालपुर, मठपुरैना आदि क्षेत्रों में अवैध प्लाटिंग निर्बाध रूप से जारी है ।
अवैध प्लाटिंग छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता, नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम और नगर पालिका अधिनियम के तहत अपराध है. मुख्य रूप से नगर निगम, नगर पालिका अधिनियम 1956 की धारा 292 के तहत अवैध प्लाटिंग पर कार्रवाई कर रहा है. नगर निगम को कार्रवाई के तहत अवैध प्लाटिंग को ध्वस्त करने, अधिग्रहण का अधिकार है. कानूनी अधिकार पुलिस को है. इसलिए निगम ने अब तक हुई कार्रवाई का प्रकरण बनाकर पुलिस को सौंप दिया है.
रायपुर नगर निगम के नगर निवेशक आभाष मिश्रा कहते हैं कि हम नगर पालिका निगम अधिनियम 1956 की धारा 292 के तहत कार्रवाई करते हैं। अवैध प्लाटिंग को रोकने के लिए हमें प्लाटिंग एरिया को तहस-नहस करने, रोड-रास्ते काटने का अधिकार है। कानूनी कार्रवाई के लिए हम प्रकरण बनाकर पुलिस को भेज देते हैं।.
