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बाढ़ से तबाही: गरियाबंद के 100 एकड़ में फसल चौपट, किसान बेहाल

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गरियाबंद/देवभोग:
लगातार हो रही भारी बारिश और बरही नदी में आई बाढ़ ने छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। अमाड़ गांव के 9 से ज्यादा किसानों की करीब 15 एकड़ में लगी मक्का और धान की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है। अनुमान है कि सिर्फ इसी गांव में करीब 6 लाख रुपए का नुकसान हुआ है, जबकि किसान पहले से ही 2 लाख रुपए से ज्यादा के साहूकारी कर्ज तले दबे हुए हैं।

किसानों ने बताया कि फसल अच्छी थी और अक्टूबर तक तुड़ाई की योजना थी, लेकिन अचानक आई बाढ़ से तेज बहाव में पौधे टूट गए और खेत जलमग्न हो गए। दूध भरे मक्के को कच्चा बेचने की कोशिश की जा रही है, लेकिन उससे लागत भी नहीं निकल पाएगी।

देवभोग और अमलीपदर में 40 लाख से ज्यादा का नुकसान

देवभोग तहसील और अमलीपदर क्षेत्र में नदी-नालों के किनारे कछार जमीन पर बोई गई मक्का की फसल करीब 100 एकड़ में पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है, जिससे लगभग 40 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। धान और सब्जियों की फसल भी नष्ट हो गई है।

पुल निर्माण बना किसानों की परेशानी

स्थानीय किसानों का आरोप है कि ओडिशा सरकार द्वारा बनाए गए पुल के कारण हर बार बाढ़ आने पर छत्तीसगढ़ के किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। पुल का निर्माण बरही नदी के बहाव क्षेत्र को प्रभावित करता है, जिससे पानी का स्तर और बहाव दोनों खतरनाक हो जाते हैं।

प्रशासन ने शुरू किया सर्वे

देवभोग तहसीलदार अजय कुमार चंद्रवंशी ने बताया कि फसलों और मकानों को हुए नुकसान की रिपोर्ट तैयार करने के लिए पटवारियों की टीम गठित कर दी गई है। रिपोर्ट बनाकर उच्च अधिकारियों को भेजी जाएगी, ताकि प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जा सके।

किसानों की मांग

प्रभावित किसानों ने इस आपदा को प्राकृतिक आपदा घोषित करने, फसल क्षतिपूर्ति और उचित मुआवजे की मांग की है। उनका कहना है कि बिना सरकारी मदद के कर्ज चुकाना और अगली फसल की तैयारी करना असंभव हो जाएगा।

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