कोयले से लदी मालगाड़ी के इंजन में लगी आग
बीना की तरफ आ रही कोयले से लदी मालगाड़ी के इंजन में सेमरखेड़ी गांव के पास शनिवार शाम को अचानक आग (fire) लग गई। घटना बीना-गुना रेलवे ट्रैक (Bina-Guna Railway Track) पर हुई, जिसके बाद ट्रेन को वहीं रोक दिया गया। आनन-फानन में आग बुझाने के लिए बीना रिफाइनी, जेपी पावर प्लांट से फायर ब्रिगेड बुलाई गई, लेकिन एप्रोच रोड नहीं होने के कारण दोनों समय पर नहीं पहुंच गई। नगरपालिका की फायर लारी किसी तरह वहां पहुंची और आग बुझाने का प्रयास शुरू किया। हालांकि, काफी देर बाद बीना रिफाइनरी और जेपी पावर प्लांट की दमकलें भी मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
जानकारी के अनुसार, पीसीएमसी गुड्स ट्रेन दो इलेक्ट्रिकल इंजन के साथ कोयला लेकर गुना से बीना की ओर जा रही थी। इसी दौरान शनिवार शाम करीब सात बजे ट्रेन के एक इंजन में एकाएक आग लग गई। देखते ही देखते ऊंची-ऊंची लपटें और धुएं के गुबार उठने लगे। अच्छी बात यह रही कि बीना-कोटा रेलवे ट्रैक पर आग लगते ही सेमरखेड़ी स्टेशन पर ट्रेन को खड़ी कर लोको पायलट उससे नीचे उतर गए। इसके बाद उन्होंने तत्काल इसकी जानकारी रेल अधिकारियों को दी। साथ ही नजदीकी बीना रिफाइनरी और जेपी कंपनी के अधिकारियों को सूचना देकर फायर ब्रिगेड बुलाई गई। बीना नगरपालिका की फायर लारी को भी सूचित किया गया।
इंजन में आग की सूचना लगते ही बीना स्टेशन से सीएंडडब्ल्यू, इलेक्ट्रिकल, इंजीनियिरिंग, टीआरडी सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौके के लिए रवाना हुए। बीना से ब्रेक यान भी रवाना किया गया। इसी बीच बीना नगरपालिका की फायर लारी ने मौके पर पहुंचकर आग बुझाने के प्रयास शुरू किए, लेकिन हवा के साथ आग बढ़ती ही जा रही थी। बाद में बीना रिफायनरी और जेपी प्लांट की दमकलें भी मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया। रेलवे तथा स्थानीय अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं। फिलहाल इंजन में आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। हादसे के दौरान एक लाइन का यातायात रोक दिया गया, जबकि दूसरी लाइन से रेलवे द्वारा एक सवारी गाड़ी वहां से निकाली गई, जिसके यात्रियों ने ट्रेन रुकने के बाद जलते इंजन के साथ सेल्फी भी ली।