Chhattisgarh

सिर्फ प्रतिवेदन पर लिख दी FIR, अब जांच का दिया जा रहा हवाला

Share

आखिर किसके इशारे में आनन- फानन में की गई FIR

राजनांदगांव। मत्स्य विभाग में 2 करोड़ 16 लाख की गड़बड़ी का मामला सामने आने के बाद पुलिस विभाग द्वारा आनन-फानन में fir तो लिख दी गई है, लेकिन अब जांच का हवाला देकर मामले को शांत करने का काम किया जा रहा है। आखिर ऐसा क्या हुआ और किसके इशारे पर हुआ कि आनन-फानन में पुलिस विभाग को मज 2 घंटे के अंदर ही फिर खींचनी पड़ी।

क्या है कप्तान का रोल
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले के मत्स्य विभाग में हुई गड़बड़ी को लेकर एक प्रतिवेदन दिया गया और कहा गया कि इस पर तत्काल कार्यवाही की जाए। फिर क्या था, जिला कार्यालय के चेंबर से निकल कर सीधे fir करने का हवाला देते हुई महज 2 घंटे के अंदर fir करने का दबाव शुरू हुआ, और बगैर जांच तथा गवाहों के fir खींच दी गई, अब जांच का हवाला देकर पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी की पत्नी को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।

यदि दोष सिद्ध नहीं हुआ तो पुलिस की होगी फजीहत
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मत्स्य विभाग की तत्कालिक सहायक संचालक गीतांजलि गजभिए का कहना है कि इस प्रकरण में पहले ही जांच हो चुकी है और उन्हें निर्दोष बताया गया है, फिर मेरे खिलाफ fir कर जान बूझकर फ़साने की कोशिश की जा रही है। पुलिस द्वारा आखिर किसके दबाव में fir की गई है यह तो समझ से परे है, लेकिन यदि जांच में गीतांजलि गजभिए को क्लीन चिट मिलती है तो पुलिस की फजीहत होती नजर आएगी और जिन धाराओं के तहत fir हुई हैं, उस पर किसकी गिरफ्तारी बताएगी और कोर्ट में पेश करेगी।

यह लिखा है FIR में
प्रति,
थाना प्रभारी पुलिस थाना सिटी कोतवाली राजनांदगांव, जिला राजनांदगांव (छ.ग.)

विषयः- श्रीमति गीतांजली गजभिये तत्कालीन सहायक संचालक मछलीपालन जिला राजनांदगांव एवं संबंधित फर्मों के विरूद्ध प्राथमिक सूचना रिर्पोट दर्ज करने बाबत् ।

संदर्भ:- कार्यालय कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी जिला राजनांदगांव का पत्र क्रमांक 397/ मत्स्य / शिका. / जांच / 2024-25 राजनांदगांव दिनांक 04.07.2024 । उपरोक्त विषयान्तर्गत कार्यालय कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी जिला राजनांदगांव द्वारा संदर्भित पत्र द्वारा श्रीमति गीताजंली गजभिये तत्कालीन सहायक संचालक मछलीपालन राजनांदगांव द्वारा विभागीय कार्य (केज कल्चर मछलीपालन) हेतु स्वीकृत राशि रू. 216.00 लाख की स्वीकृति में हितग्राहियों के कुटरचित दस्तावेजो के आधार पर प्रशासन को गुमराह कर स्वीकृति प्राप्त करते हुए विभाग को प्राप्त अनुदान राशि में अनियमितता एवं राशि का दुरूपयोग होना पाये जाने के कारण विधि अनुरूप कार्यवाही किये जाने निर्देशित किये गये है । शिकायत प्रकरण के संबंध में विस्तृत तथ्य निम्नानुसार है- 01- तत्कालीन सहायक संचालक मछलीपालन जिला राजनांदगांव द्वारा नवागांव जलाशय में केज इकाई स्थापना हेतु कुल लागत राशि 270.00 लाख का प्रस्ताव प्रेषित किया गया था । कार्यालय कलेक्टर (SCA-LWE) शाखा-राजनांदगांव के प्रशासकीय स्वीकृति आदेश कमांक 18/2019-20/ SCA-LWE / राजनांदगांव दिनांक 28.01.2021 एवं संशोधित आदेश कमांक 521/2020/SCA-LWE / राजनांदगांव दिनांक 04.12.2021 द्वारा 129.60 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई, जिसमें क्रियान्वयन एंजेसी सहायक संचालक मछलीपालन, जिला राजनांदगांव को नियुक्त किया गया । 02- संचालनालय मछलीपालन छ0ग0 के आदेश कमांक 444 दिनांक 03.02.2021 द्वारा 04 हितग्राहीयों हेतु प्रति इकाई 18 केज के मान से 72 केज के लिये (रू. 3.00 लाख प्रति केज) कुल राशि 216.00 लाख अनुदान राशि की कार्ययोजना की तकनीकी स्वीकृति प्रदान करते हुये राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत रू. 86.40 लाख बजट आंबटन प्रदत्त किया गया । 03- तत्कालीन सहायक संचालक मछलीपालन राजनांदगांव द्वारा दैनिक समाचार पत्रो में विज्ञप्ति प्रकाशित कर आवेदन आंमत्रित किये गये, जिसमें 10 आवेदन प्राप्त हुये । 04 हितग्राहियों 01- श्रीमति सरोज मोटघरे पति भेलसिंह मोटघरे राजनांदगांव 02- सुश्री दुर्गेश नंदनी पिता महेन्द्र कुमार राजनांदगांव 03- हेमलता रामटेके पति चन्द्रहास रामटेके राजनांदगांव 04- श्री भुवन लाल बगडहरिया पिता श्री अगरसिह बगडहरिया छुईखदान का आवेदन स्वीकृत कर केज स्थापना की कार्यवाही की गई । 04- केज स्थापना पश्चात स्थापित केज की अनुदान राशि हितग्राहीयो के खाते में भुगतान नहीं करते हुये सीधे संबंधित फर्मो मेसर्स स्टार सप्लायर तालापारा बिलासपुर को राशि रू. 108.00 लाख का सीधा भुगतान किया गया, इसी प्रकार मछलीपालन हेतु मछलीबीज एवं मत्स्य आहार की अनुदान राशि 108.00 लाख एस.एस. एक्वाकल्चार फिंगेश्वर पथर्री को राशि रु. 6.00 लाख एवं एस.एस. एक्वाफिड झाकी अभनपुर, जिला रायपुर को राशि रु. 102.00 लाख का सीधे भुगतान किया गया है। हितग्राहियों द्वारा 40 प्रतिशत लागत एवं परिचालन राशि का वहन नही किया जाना पाया गया । उक्त प्रकरण वर्ष 2021-22 की अवधि की है जिसमें कुटरचित दस्तावेजों के आधार पर एवं प्रशासन को गुमराह करते हुए एवं शासन द्वारा निर्धारित नियमों/ निर्देशों के विपरीत दोष पूर्ण कार्यवाही करते हुए तत्कालीन सहायक संचालक मछलीपालन श्रीमती गीतांजली गजभिये द्वारा स्वयं के हस्ताक्षर से समस्त प्रक्रिया पूर्ण की गई है, एवं सामाग्री प्रदायकर्ता फर्म मेसर्स स्टार सप्लायर्स ताला पारा बिलासपुर को भण्डार कय नियमों के विपरीत दिनांक 18.05.2021, 15.06.2021, 03.01.2022 एवं 01.02.2022 को कुल राशि रू. 108.00 लाख (अक्षरी एक करोड़ आठ लाख मात्र) का भुगतान संबंधित फर्म के खाते में किया गया है। इसी तरह फर्म एस.एस.एक्वाकल्चर पथर्री (सरगोर, जिला गरियाबंद) एवं एस.एस.एक्वाफिड झांकी जिला रायपुर को राशि रू. 108.00 लाख (एक करोड़ आठ लाख मात्र) का भुगतान दिनांक 23.03.2022 से 20.09.2022 तक की अवधि मे संबंधित फर्म के खाते में किया गया है । जांच अधिकारी का निष्कर्ष:- 01- हितग्राहियों का आवेदन निर्धारित प्रारूप में नही होना पाया । आवेदन पत्र में वास्तविक पता का उल्लेख नही है, अन्य दस्तावेज संबंधित बैंक विवरण एवं क्षेत्रीय अधिकारी की अनुशंसा एवं मछलीपालन अनुबंध के संबंध में प्रमाण नही लिया गया। आवेदन को समूह के नाम में परिवर्तित किया गया, किंन्तु समूहो के 94 सदस्यो का प्रस्ताव ठहराव सहित समूह की वित्त जानकारी एवं सदस्य सूची उपलब्ध नही है । 02- चयनित हितग्राहियों द्वारा मछलीपालन केज स्थापना में 40 प्रतिशत राशि वहन करने सहमति ली गई, किन्तु कोई भी राशि हितग्राहियो द्वारा नही लगाया गया । 03- निगरानी समिति द्वारा अपने कर्तव्यो का निर्वहन नही किया और न ही केज का भौतिक सत्यापन किया और न ही निगरानी समिति द्वारा समय समय पर निरीक्षण किया गया । 04- अनुबंध लीज 10 वर्ष हेतु शासन के निर्धारित नियमो का पालन, लीज का निर्धारण, अनुबंध में साक्षी एवं हितग्राही का विस्तृत पता एवं अनुबंध का पंजीयन नही कराया गया है। मात्र 50 रु. के स्टाम्प में अनुबंध बिना पंजीयन निष्पादित कराया गया है । 05- केज स्थापना हेतु हितग्राहियों को अनुमति आदेश / कार्य आदेश जारी नही किया गया है । 06- केज स्थापना किसने किया इसका प्रमाण नही है । केज स्थापना हेतु आदेश हितग्राहियों द्वारा किया गया या विभाग द्वारा यह स्पस्ट नही है । स्टार सप्लयार बिलासपुर को केज स्थापना हेतु आदेश किसने दिया उल्लेख नही है । जबकि स्टार स्प्लयार बिलासपुर के द्वारा समस्त देयक सहायक संचालक मछलीपालन जिला राजनांदगांव के नाम से दिया गया है । 07- देयको का सत्यापन सक्षम अधिकारी, क्षेत्रीय अधिकारी एवं हितग्राहियों से नही कराया गया, बिना सत्यापन समस्त देयको का भुगतान सीधे फर्मों को किया गया । 08- केज का संचालनालय स्तर से गठित समिति द्वारा भौतिक सत्यापन नही किया गया है, जबकि सचालनालय द्वारा दिनांक 07.01.20222 को उक्त संबंध में आदेशित किया गया । संचालनालय सत्यापन आदेश के पूर्व ही केज की राशि का भुगतान कर दिया गया । किसी भी देयक में हितग्राही का प्रमाण पत्र नहीं है । 09- देयको का भुगतान हितग्राहियों के खाते में न करते हुये सीधे फर्म को किया गया जबकि संचालनालय आदेश कमांक 382 / दिनांक 29.01.2021 द्वारा अनुदान राशि संबंधित कृषको के खातें में भुगतान के निर्देश है । 10- केज स्थापना हेतु विधिवत निविदा आमंत्रण किया जाना था । केज में मछलीपालन करने के लिये आवेदन हेतु विज्ञप्ति जारी किया गया । 11- भंडार कय नियमों का पालन नही किया गया । जांच अधिकारी का अभिमतः- हितग्राहियों के बयान/कथन एवं दस्तावेजो के अनुसार वर्ष 2020-21 में नवागांव सिंचाई जलाशय में केज स्थापना हेतु कलेक्टर राजनांदगांव द्वारा स्वीकृत राशि रू. 129.60 लाख 60 प्रतिशत (LWE- SCA) एवं संचालनालय मछलीपालन छ0ग0 से स्वीकृत राशि रू. 86.40 लाख 40 प्रतिशत (आर.के.व्ही.वाय योजनान्तर्गत) कुल स्वीकृत राशि रू. 216.00 लाख, (100 प्रतिशत) अनुदान राशि से 72 केज स्थापित किया गया । चयनित 04 हितग्राहियों से किसी भी प्रकार का हितग्राही अंश राशि नही लिया गया । चयनित हितग्राहियों को उनके नाम से स्थापित केज की जानकारी ही नही है। साथ ही फर्मों के द्वारा विभागीय अथवा हितग्राहियों के बिना किसी कार्य आदेश के केज स्थापना हेतु सामग्री एवं मछली बीज एवं आहार की आपूर्ति किया जाना प्रमाणित है, तथा प्राप्त आवेदन से लेकर अन्य समस्त दस्तावेजो में हितग्राहियों के वास्तवकि हस्ताक्षर मिलान प्रमाणित नही होता है । योजना कियान्वयन में श्रीमति गीताजंली गजभिये, तत्कालीन सहायक संचालक मछलीपालन जिला राजनांदगांव द्वारा गंभीर लापरवाही बरती गई है एवं कुटरचित दस्तावेजो के आधार पर योजना में प्राप्त राशि का दुरूपयोग होना पाया गया है । प्रकरण की जांच उपरांत संचालक मछलीपालन छत्तीसगढ़ रायपुर द्वारा पत्र क्रमांक 604/म. /स्था./जांच/ 2023-24 अटल नगर नवा रायपुर दिनांक 04.06.2022 द्वारा अवर सचिव छत्तीसगढ़ शासन मछलीपालन नवा रायपुर अटल नगर को श्रीमती सुधा दास संयुक्त संचालक मछलीपालन संचालनालय रायपुर (जांच अधिकारी) के जांच प्रतिवेदन अनुशंसा अनुसार जांच रिपोर्ट को प्रमाणित पाते हुए अभिमत सहित प्रस्ताव प्रेषित किया गया । संचालक मछलीपालन द्वारा प्रेषित प्रस्ताव के आधार पर छत्तीसगढ़ शासन मछलीपालन विमाग मंत्रालय महानदी भवन अटल नगर नवा रायपुर के पत्र क्रमांक एफ-5-3/2024/36 दिनांक 25.06.2024 द्वारा श्रीमती गीतांजली गजभिये तत्कालीन सहायक संचालक मछलीपालन (वर्तमान पदस्थापना सहायक संचालक मछलीपालन जिला धमतरी) को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है । संचालक मछलीपालन छ0ग0 के पत्र कमांक 2222 /म./स्था/जांच/ 2024-25 दिनांक 26. 06.2024 द्वारा प्राप्त जांच प्रतिवेदन एवं संबंधित अन्य सत्यापित दस्तावेज संलग्न है । साक्ष्य दस्तावेजों के आधार पर एवं कलेक्टर महोदय राजनांदगांव के निर्देशानुसार श्रीमति गीतांजली गजभिये (तत्कालीन सहायक संचालक मछलीपालन राजनांदगांव) एवं सामग्री आपूर्तिकर्ता फर्म 01- मेसर्स स्टार सप्लायर बिलासपुर 02- एस.एस. एक्वाकल्चर पथर्री फिंगेश्वर राजिम एवं एस.एस. एक्वाफिड झाकी रायपुर के विरूद्ध विधि अनुसार सुसंगत धाराओ के अधीन प्रथम सूचना रिर्पोट दर्ज करने का कष्ट करेगें । संलग्नः- उपरोक्तानुसार जांच रिर्पोट एवं अन्य दस्तावेज- 213 पन्ने हस्ताक्षर अस्पष्ट (एस. के. साहू) सहायक संचालक मछलीपालन जिला- राजनांदगांव (छ.ग.) राजनांदगांव, दिनांक 04.07.24 पृ.क्र./400/सं.स.म.पा/तक./जांच/ 2024-25 प्रतिलिपि :- 1. संचालक मछलीपालन अटल नगर नवा रायपुर (छ.ग.) की ओर सादर सूचनार्थ । 2. कलेक्टर राजनांदगांव की ओर उनके संदर्भित निर्देश के परिपालन में सादर सूचनार्थ ।

GLIBS WhatsApp Group
Show More
Back to top button