ChhattisgarhCrimeRegion

नाबालिग बेटी के साथ रेप करने वाले पिता को मिला आजीवन आश्रम कारावास की जगह 20 वर्षों की कठोर कारावास की सजा

Share


बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने नाबालिग बेटी के साथ बलात्कार करने वाले पिता को ट्रायल कोर्ट ने आजीवन सश्रम कारावास की सजा में संशोधन करते हुए 20 वर्षों के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। यह आपराधिक अपील मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायमूर्ति रविंद्र अग्रवाल की खंडपीठ के समक्ष प्रस्तुत हुई थी। कोर्ट ने कहा कि बलात्कार केवल शारीरिक हमला नहीं होता, यह पीडि़ता की आत्मा, गरिमा और अस्तित्व पर गहरा आघात है। न्यायालयों को ऐसे मामलों में अत्यधिक संवेदनशील और गंभीर दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।
पीडिता के अनुसार, उसकी मां की मृत्यु के बाद वह अपने पिता के साथ रह रही थी, जो अक्सर उसे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताडित करता था। 19 फरवरी 2019 को शराब के नशे में उसने अपनी ही बेटी के साथ जबरदस्ती की। डरी सहमी नाबालिग घर से भाग गई और रेलवे स्टेशनों पर भीख मांगकर दिन गुजारे। बाद में रेलवे चाइल्ड हेल्पलाइन ने उसे संरक्षण में लिया और एफआईआर दर्ज कराई गई।
इस मामले में पॉक्सो एक्ट और भारतीय दंड संहिता की सुसंगत धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया था। ट्रायल कोर्ट ने आरोपी को प्राकृतिक मृत्यु तक उम्रकैद की सजा दी थी, लेकिन हाईकोर्ट ने उसे 20 साल के कठोर कारावास दिया और इतनी सजा को न्यायसंगत और पर्याप्त माना। हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि पीडिता के बयान और परिस्थितिजन्य साक्ष्य इस मामले में निर्णायक हैं। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि आरोपी को यह जानकारी दी जाए कि वह चाहे तो विधिक सेवा समिति की मदद से सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकता है।

GLIBS WhatsApp Group
Show More
Back to top button