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किसान हैं विकसित भारत की रीढ़, तिलहन उत्पादन से बढ़ेगी आत्मनिर्भरता: टंकराम

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रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में सारंगढ़ कृषि उपज मंडी प्रांगण में ‘‘तिलहन कृषक मेला सह सम्मेलन’’ का आयोजन किया गया। नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल के अंतर्गत कृषि कार्यालय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजस्व, आपदा प्रबंधन, पुनर्वास एवं उच्च शिक्षा मंत्री टंकराम वर्मा थे।
मंत्री श्री वर्मा ने कहा कि भारत विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य पर अग्रसर हैं। इस दिशा में दलहन-तिलहन का अधिक उत्पादन देश को खाद्य तेल के आयात से मुक्ति दिलाएगा और आर्थिक आत्मनिर्भरता मजबूत करेगा। इस अवसर पर मंत्री वर्मा ने कृषि, पशुपालन, उद्यानिकी एवं मत्स्य विभाग द्वारा लगाए गए प्रदर्शनी स्टॉलों का अवलोकन करते हुए हितग्राहियों, महिला स्व-सहायता समूहों और विभागीय अधिकारियों से उत्पादों एवं तकनीकों की जानकारी ली। उन्होंने किसानों को नई कृषि तकनीकें अपनाने, मृदा परीक्षण शिविरों में भाग लेने तथा कीटनाशकों के सुरक्षित उपयोग की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि सारंगढ़ क्षेत्र की मिट्टी तिलहन उत्पादन के लिए विशेष रूप से उपयुक्त है। तिलहन नगदी फसल है, जिससे किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि संभव है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में सरकार किसानों के लिए घोषित अधिकांश वादों को पूरा कर चुकी है, जिनमें भूमिहीन कृषकों को 10 हजार रुपये की सहायता राशि एक प्रमुख उपलब्धि है।
कार्यक्रम में जांजगीर-चांपा सांसद कमलेश जांगड़े, जिला पंचायत अध्यक्ष संजय भूषण पांडेय एवं कलेक्टर डॉ. संजय कन्नौजे सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी किसानों को संबोधित किया। समारोह में उत्कृष्ट कार्य करने वाले किसानों और हितग्राहियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया तथा अतिथियों को स्मृति चिह्न भेंट किए गए। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक आंजनेय वार्ष्णेय, अपर कलेक्टर प्रकाश सर्वे, पूर्व विधायक श्रीमती केराबाई मनहर तथा कृषि, मत्स्य, उद्यानिकी एवं पशुधन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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