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टोकन तुहर हाथ एप से किसान भागीरथी साहू बने पारदर्शी व्यवस्था का प्रतीक

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धमतरी। तकनीक और पारदर्शी प्रशासन का प्रभाव जब जमीन पर दिखता है, तब उससे सबसे अधिक लाभ आमजन को मिलता है। भटगांव के किसान श्री भागीरथी साहू इसका सशक्त उदाहरण हैं। परंपरागत रूप से किसानों को धान विक्रय के समय लंबी लाइनों में लगना पड़ता था, कई बार असुविधाओं और समय की बर्बादी का सामना करना पड़ता था। परंतु इस वर्ष, राज्य सरकार द्वारा लागू टोकन तुहर हाथ मोबाइल ऐप ने उनकी पूरी प्रक्रिया बदल दी।
साहू ने घर बैठे ही कुछ ही मिनटों में ऑनलाइन टोकन प्राप्त किया। न कोई भीड़, न कोई प्रतीक्षा—सिर्फ मोबाइल पर कुछ क्लिक और प्रक्रिया पूरी। वे खुशी जताते हुए बताते हैं कि व्यवस्था पूरी तरह सरल, पारदर्शी और सुविधाजनक है। टोकन भी आसानी से कट गया और धान बेचने में बिल्कुल भी दिक्कत नहीं आई। इस बार उन्होंने सहकारी समिति केंद्र सोरम में 20 क्विंटल 60 किलो धान खरीदी केंद्र में विक्रय किया। वे बताते हैं कि पिछले वर्ष भी उन्होंने लगभग इतनी ही मात्रा में धान बेचा था। प्राप्त राशि का उपयोग वे घर-गृहस्थी और खेती-किसानी की उन्नति में करते हैं।
सरकार की ओर से तकनीक आधारित समाधान का उद्देश्य किसानों को समय, ऊर्जा और संसाधनों की बचत कराना है। ऐप के माध्यम से टोकन प्राप्त करने की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है—किसान स्वयं अपनी सुविधा अनुसार तारीख और समय चुन सकते हैं, जिससे अनावश्यक भीड़ और भ्रम की स्थिति समाप्त हो गई है।
श्री साहू जैसे किसान न केवल इस व्यवस्था से लाभान्वित हो रहे हैं, बल्कि वे अपने गांव के अन्य किसानों को भी ऐप का उपयोग करने प्रोत्साहित कर रहे हैं। आधुनिक तकनीक और सुशासन का यह संयोजन ग्रामीण जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रहा है। सरकारी नवाचारों की इस सफलता की कहानी बताती है कि सही दिशा में उठाया गया एक कदम, किसान की पूरी व्यवस्था को सहज, सुरक्षित और सुगम बना सकता है।

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