ChhattisgarhRegion

सपनों को मिली नई उड़ा, आर्थिक सहयोग से भूषण की उच्च शिक्षा का मार्ग प्रशस्त हुआ

Share


रायपुर। छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में पंजीकृत निर्माणी श्रमिक श्रीमती चंदा बाई साहू, पति श्री हरिशंकर साहू, निवासी ग्राम सिंधौरीकला, विकासखंड कुरूद, जिला धमतरी के परिवार के लिए मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना आशा की किरण बनकर आई है।
श्रीमती चंदा बाई साहू एक निर्माणी श्रमिक (रेजा) के रूप में कार्य करती हैं तथा उनके पति भी दैनिक मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। सीमित आय के कारण उच्च शिक्षा का सपना अधूरा प्रतीत हो रहा था। इसी बीच श्रम विभाग से संपर्क के दौरान उन्हें निर्माणी श्रमिकों के बच्चों हेतु संचालित मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना की जानकारी मिली।
योजना के अंतर्गत उनके पुत्र श्री भूषण साहू, जो कि सीआईपीईटी कॉलेज, रायपुर में डिप्लोमा इन प्लास्टिक टेक्नोलॉजी (द्वितीय वर्ष) में अध्ययनरत हैं, के लिए आवेदन किया गया। सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ ऑनलाईन आवेदन करने के कुछ ही दिवसों में राशि रूपये 82,496/ सीधे डी.बी.टी. के माध्यम से हितग्राही के खाते में प्रदान की गई। इस आर्थिक सहयोग से भूषण साहू की उच्च शिक्षा का मार्ग प्रशस्त हुआ।
हितग्राही श्रीमती चंदा बाई साहू ने बताया कि आर्थिक तंगी के कारण बच्चों को पढ़ाने का सपना अधूरा लग रहा था, परंतु योजना से मिली सहायता ने उनके परिवार को संबल दिया। वहीं, पिता श्री हरिशंकर साहू ने कहा कि वे चाहते थे कि उनका बेटा मजदूरी के बजाय शिक्षा के माध्यम से आगे बढ़े और आत्मनिर्भर बने। योजना से मिली सहायता से उनका यह सपना साकार हो रहा है।
श्रम पदाधिकारी श्री नंदकिशोर साहू ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना के अंतर्गत निर्माणी श्रमिकों के मेधावी बच्चों-सामान्य एवं व्यवसायिक पाठ्यक्रमों में अध्ययनरतकृको पात्रता अनुसार सहायता प्रदान की जाती है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 467 तथा 2025-26 में 505 बच्चों को लाभ दिया जा चुका है। आगामी वर्षों में सभी पात्र बच्चों को लाभांवित करने का लक्ष्य निर्धारित है। इच्छुक हितग्राही श्रमेव जयते ऐप अथवा जिला एवं जनपद पंचायतों में स्थापित श्रम संसाधन केंद्रों से नि:शुल्क आवेदन कर सकते हैं।
हरिशंकर साहू ने मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़ शासन, श्रम मंत्री, जिला प्रशासन तथा श्रम विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह योजना श्रमिक परिवारों के बच्चों को शिक्षा के माध्यम से उज्ज्वल भविष्य प्रदान कर रही है। यह कहानी प्रमाण है कि शासन की जनकल्याणकारी योजनाएं जब ज़मीन तक पहुंचती हैं, तो श्रमिक परिवारों के सपनों को नई दिशा और उड़ान मिलती है।

GLIBS WhatsApp Group
Show More
Back to top button