फार्मेसी कौंसिल के नामित सदस्य बने रहेंगे डॉ. राकेश गुप्ता
00 फार्मेसी कौंसिल रजिस्ट्रार की कार्रवाई को हाइकोर्ट ने किया खारिज
बिलासपुर। फार्मेसी कौंसिल के नामित सदस्य डॉ. राकेश गुप्ता की याचिका पर हाईकोर्ट ने कौंसिल के रजिस्ट्रार द्वारा जारी आदेश और उसके क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है। यह सुनवाई जस्टिस एन. के. चंद्रवंशी की पीठ में हुई, जहां याचिकाकर्ता ने रजिस्ट्रार के आदेश को नियमों के विपरीत बताया।
डॉ. राकेश गुप्ता इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के चेयरमैन और फार्मेसी कौंसिल के सदस्य हैं। उन्होंने हाईकोर्ट में दायर याचिका में आरोप लगाया कि फार्मेसी कौंसिल रजिस्ट्रार अश्वनी गुरदेकर ने उन्हें तीन बैठकों में अनुपस्थित रहने के आधार पर सदस्य पद से हटा दिया। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि रजिस्ट्रार को ऐसा करने का अधिकार नहीं है।
डॉ. गुप्ता ने बताया कि वह वर्ष 2020 से कौंसिल के नामित सदस्य के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कौंसिल के रजिस्ट्रार के पद पर एक तृतीय श्रेणी कर्मचारी को नियुक्त कर, फार्मेसी कौंसिल एक्ट और प्रावधानों की अनदेखी की है। कौंसिल एक्ट के तहत रजिस्ट्रार का पद वरिष्ठ सेवानिवृत्त चिकित्सा अधिकारी के लिए आरक्षित है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता संदीप दुबे ने कोर्ट को बताया कि फार्मेसी कौंसिल एक्ट के प्रावधानों के अनुसार, किसी भी सदस्य को हटाने का अधिकार रजिस्ट्रार को नहीं है। ऐसे मामलों में सामान्य सभा की बैठक बुलाकर, उसमें बहुमत से निर्णय लिया जाना चाहिए। रजिस्ट्रार ने नियमों का उल्लंघन कर सामान्य सभा के अधिकारों में हस्तक्षेप किया है।सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने रजिस्ट्रार के विवादित आदेश पर रोक लगाते हुए इसे नियम-विरुद्ध ठहराया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि कौंसिल मेंबर्स को हटाने का निर्णय केवल सामान्य सभा के अधिकार क्षेत्र में आता है।
फार्मेसी कौंसिल में कुल 15 सदस्य होते हैं, जिनमें छह चुने हुए और छह नामांकित सदस्य शामिल होते हैं। कौंसिल के सभी निर्णय बहुमत के आधार पर लिए जाते हैं। एक्ट के मुताबिक, रजिस्ट्रार का पद केवल वरिष्ठ सेवानिवृत्त चिकित्सा अधिकारी को दिया जा सकता है।