डीपी विप्र कॉलेज को स्वायत्तता के मुद्दे पर मिली राहत

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने डीपी विप्र कॉलेज के पक्ष में फैसला सुनाते हुए अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय द्वारा की गई आपत्ति को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने यूजीसी द्वारा दिए गए ऑटोनॉमस दर्जे को अंतिम रूप से मान्य ठहराया है। इस फैसले के बाद कॉलेज प्रबंधन और छात्रों में उत्साह का माहौल है।
इस मामले में अंतिम सुनवाई 16 अप्रैल को हुई थी, जिसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। गुरुवार को जस्टिस अमितेन्द्र किशोर प्रसाद ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अटल यूनिवर्सिटी द्वारा डीपी विप्र कॉलेज के ऑटोनॉमस दर्जे में बाधा डालना अवैधानिक है। कोर्ट ने कहा कि कॉलेज को यूजीसी द्वारा दिया गया स्वायत्तता का दर्जा पूरी तरह वैध और मान्य है। कॉलेज को ऑटोनॉमस का दर्जा मिलने के बाद प्रबंधन ने अपने स्तर पर परीक्षाएं आयोजित करना शुरू कर दिया था। प्रश्न पत्र तैयार करने से लेकर फर्स्ट ईयर के सेमेस्टर एग्जाम तक की जिम्मेदारी कॉलेज ने निभाई थी। हालांकि विश्वविद्यालय की आपत्ति के चलते छात्र-छात्राओं में असमंजस की स्थिति बन गई थी, जिसके चलते छात्र संगठनों ने कॉलेज प्रशासन का घेराव भी किया था।
इधर, हाईकोर्ट के फैसले के बाद कॉलेज में उत्सव का माहौल बन गया। आशीर्वाद पैनल से जुड़े छात्र-छात्राओं ने कॉलेज परिसर में रंग-गुलाल उड़ाया, पटाखे फोड़े और मिठाइयां बांटकर खुशी जाहिर की। कॉलेज की प्राचार्य डॉ. अंजू शुक्ला ने कहा कि अब कॉलेज में रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम और कौशल विकास कार्यक्रमों की शुरुआत की जाएगी। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि यह अवसर उनके सर्वांगीण विकास का द्वार खोलेगा।
एल्युमिनी कमेटी के अध्यक्ष अविनाश सेठी ने कहा कि स्वायत्तता से छात्रों को ज्यादा सुविधाएं मिलेंगी और वे अपनी पसंद के पाठ्यक्रमों का चयन कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि कॉलेज को डीम्ड यूनिवर्सिटी तक ले जाने के हर प्रयास में वे कॉलेज प्रशासन के साथ खड़े रहेंगे।
