नवरात्र में डोंगरगढ़ में शराबबंदी की घोषणा, लेकिन अवैध बिक्री बदस्तूर जारी

डोंगरगढ़ में शराबबंदी की घोषणा के बावजूद अवैध शराब बिक्री का कारोबार जोरों पर है। शहर की गली-गली में शराब बेची जा रही है, और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
अवैध शराब बिक्री का कारोबार
लल्लूराम डॉट कॉम की पड़ताल में पता चला है कि अवैध शराब बिक्री का यह धंधा पुलिस संरक्षण के बिना संभव नहीं है। जिन इलाकों में शराब बेची जा रही है, उनके पास ही पुलिस थाना है और पुलिस की गस्ती भी लगातार होती है।
सवाल उठ रहे हैं
आबकारी विभाग के प्रभारी सहायक आयुक्त अभिषेक तिवारी ने दावा किया है कि पिछले छह महीनों में 200 से ज्यादा प्रकरण दर्ज किए गए हैं और अभियान लगातार जारी है। लेकिन सवाल उठता है कि अगर दो सौ से अधिक मामले दर्ज हुए, तो शराब बिकनी बंद क्यों नहीं हुई?
महिलाओं की पीड़ा
शहर की महिलाओं का कहना है कि हर मोहल्ले में शराब बिक रही है, बच्चे तक बिगड़ रहे हैं, और महिलाओं का सड़क पर निकलना मुश्किल है। विधायक हर्षिता बघेल ने भी इस मामले को लेकर सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा है कि सरकार की मंशा ठीक नहीं है, और पुलिस-प्रशासन संरक्षण दे रहा है।
कागजी ऐलान या असली जंग?
डोंगरगढ़ की यह सच्चाई बताती है कि शराबबंदी महज एक कागजी ऐलान है। असल में यहां धर्मनगरी की आड़ में बोतल का कारोबार है, जहां आस्था बिकती है और जिम्मेदार आंख मूंदकर ‘हिस्सेदारी’ में मस्त हैं।

