महाराष्ट्र । विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी एक बार फिर ईवीएम पर सवाल उठा रही है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर भाजपा पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि भाजपा ने चुनावी नतीजे अपनी पसंदीदा चुनावी मशीनरी, यानी ईवीएम के माध्यम से अपनी जीत सुनिश्चित की है। उन्होंने लिखा, “महाराष्ट्र के चुनाव में वही हुआ जो भाजपा चाहती थी। भाजपा ने 148 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा, जिनमें से 132 जीत गए, यानि 89 प्रतिशत का स्ट्राइक रेट।” दिग्विजय सिंह ने यह भी कहा कि भाजपा अगर चाहती तो शिवसेना (शिंदे) और एनसीपी (अजित पवार) के बिना भी सरकार बना सकती थी।
दिग्विजय सिंह का कहना था कि इस तरह के नतीजे ईवीएम द्वारा किए गए चुनावी छेड़छाड़ के कारण सामने आए हैं। उन्होंने यह सवाल उठाया कि अगर भाजपा के लिए झारखंड से अधिक महाराष्ट्र महत्वपूर्ण था, तो क्या वहां ईवीएम के माध्यम से नतीजों को प्रभावित किया गया? दिग्विजय ने चुनाव आयोग के व्यवहार और ईवीएम से चुनाव कराने पर इंडियन गठबंधन को तुरंत चर्चा शुरू करने की मांग की है।
अब सवाल यह उठता है कि क्या वाकई ईवीएम के द्वारा इतनी बड़ी जीत को सुनिश्चित किया जा सकता है, या फिर कांग्रेस नेताओं ने हार के बाद एक सुरक्षित बहाना ढूंढ लिया है ताकि वे अपने कार्यकर्ताओं और आलाकमान से सवालों का सामना न करें। हालांकि, इस मुद्दे पर राजनीति तेज हो गई है, और भाजपा इसे विपक्ष की ओर से उठाया गया एक और आरोप मानते हुए खारिज कर रही है।