
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। जिसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वीकार कर लिया है। इस इस्तीफे ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। इस बीच एक बड़ा खुलासा हुआ है कि धनखड़ 21 जुलाई की रात 9 बजे बिना पूर्व सूचना के राष्ट्रपति भवन पहुंचे थे। इससे वहां हड़कंप मच गया था। गौरतलब है कि राष्ट्रपति भवन में प्रोटोकॉल के तहत सभी गतिविधियां संचालित होती हैं, लेकिन धनखड़ के अचानक पहुंचने से कार्यालय में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
सूत्रों के मुताबिक, धनखड़ की अप्रत्याशित यात्रा की जानकारी राष्ट्रपति को तुरंत दी गई। इसके बाद आनन-फानन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ उनकी मुलाकात आयोजित की गई, जिसमें धनखड़ ने अपना इस्तीफा सौंपा। रात 9:25 बजे उपराष्ट्रपति कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर उनके इस्तीफे की आधिकारिक घोषणा की। धनखड़ के इस्तीफे के बाद सियासी गलियारों में तमाम तरह के सवाल तैरने लगे। इस मुद्दे की अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अभी भी धनखड़ के इस्तीफे के बाद शुरू हुआ चर्चाओं का दौर थमा नहीं है।
गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से उनके आवास पर मुलाकात की। 30 मिनट तक चली इस बैठक में जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर चर्चा होने की बात सामने आ रही है।मालूम हो कि संसद का मॉनसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हुआ है और आज इसका तीसरा दिन है। सत्र के पहले दो दिन हंगामे की भेंट चढ़ चुके हैं। 21 जुलाई को दोनों सदनों में जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश किया गया था, जिसके बाद धनखड़ ने इस्तीफा दे दिया। 22 जुलाई को उनका इस्तीफा मंजूर होने के बाद सदन की कार्यवाही आज तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।
आज उपराष्ट्रपति के इस्तीफे के बाद पहली बार राज्यसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक उपसभापति हरिवंश की अध्यक्षता में होगी। 21 जुलाई को धनखड़ की अध्यक्षता में हुई बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू और राज्यसभा में सदन के नेता जेपी नड्डा शामिल नहीं हुए थे। विपक्ष बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन, SIR, पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब की मांग कर रहा है।
