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श्री श्याम प्रभु के रंग में डूबे श्रद्धालु, दिखा श्रद्धा और उल्लास का अनूठा संगम

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रायपुर। करने वाले श्याम-कराने वाले श्याम।। जिन्हे हारे का सहारा कहा जाता है-वे भक्तों का दुख हरने वाले माने जाते हैं।।.. रविवार को 23 वें श्री श्याम महोत्सव में श्याम प्रभु के भक्तों के बीच श्रद्धा और उल्लास का अनूठा संगम देखने को मिला। श्रीरामनाथ भीमसेन भवन में सुबह श्याम बाबा का अखंड ज्योत प्रज्जवलन के साथ ही श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरु हुआ,जो अनवरत चला। देश के विभिन्न शहरों से पहुंचे मशहूर भजन गायकों ने जब भक्ति गायन शुरु किया तो पूरा माहौल इस प्रकार भक्तिमय हो गया कि सभी श्री श्याम प्रभु के रंग में डूबते चले गए।

श्री श्याम प्रभु के रंग में डूबे श्रद्धालु,दिखा श्रद्धा और उल्लास का अनूठा संगम
श्री श्याम परिवार समिति की ओर से आयोजित श्याम महोत्सव में उमड़े श्याम बाबा के भक्तों का उत्साह देखकर ऐसा लग रहा था कि आज दिन विशेष का जैसे उन्हे इंतजार ही था। समिति ने भी इतनी सुंदर व्यवस्था दी थी कि आयोजन स्थल पर भक्ति, सेवा और सामाजिक समरसता का समागम दिखाई पड़ रहा था जहां सब केवल श्याम भक्त ही थे। महोत्सव की शुरुआत आज अखंड ज्योत प्रज्जवलन व आरती के साथ हुई। श्री श्याम बाबा खाटू वाले के अलौकिक श्रृंगार का एक झलक देख पाने के लिए भक्तों की कतार लगी रही। अलग-अलग खंडों में श्याम रसोई, छप्पन भोग, इत्र वर्षा व आरती भी विशेष आकर्षण रहा। दिल्ली से आए रिया मनोज ग्रुप ने सजीव झांकियों का प्रदर्शन किया।

श्री श्याम प्रभु के रंग में डूबे श्रद्धालु,दिखा श्रद्धा और उल्लास का अनूठा संगम
श्री श्याम महोत्सव का मुख्य आकर्षण था आमंत्रित देश के ख्याति प्राप्त भजन गायकों का गायन। जिसमें प्रमुख रुप से शामिल रहे श्री संजय सेन (सूरजगढ़), धर्मेन्द्र पांडेय (सुल्तानपुर), ज्योति पाल (ग्वालियर), सोनाली नागेश्वर (बालाघाट) एवं कुछ स्थानीय कलाकारों ने भी साथ में मंच साझा किया। भजन गायकों की ओर से प्रस्तुत पंक्तियां ऐसी थी कि श्याम भक्त भी इनके साथ सुर-ताल मिलाते दिखे। इन्होने अपनी भक्तिमय प्रस्तुतियों से पूरे समय श्रद्धालुओं को बांधे रखा। बस बीच-बीच में भक्तों की ओर से श्री श्याम-श्री श्याम की गूंज सुनाई पड़ती थी और तालियां बजती थी।

श्री श्याम प्रभु के रंग में डूबे श्रद्धालु,दिखा श्रद्धा और उल्लास का अनूठा संगम

श्याम बाबा की महिमा,दया, करुणा व प्रेम को न जाने कितने रुपोंं में इन भजनों के माध्यम से पिरोया गया था। जब गायकों ने गाया कि..कीर्तन की ये रात बाबा-आज थाने आनो हे। सांवरे की महफिल को-सांवरे को संजाना है।। खाटू वाले बाबा की कृपा से बनते हैं सब काम।। खाटू की महिमा है न्यारी-बजाओ श्याम नाम की ताली।। भक्तिभाव का ऐसा समां बांधा कि हर कोई झूमने लगे और पूरा परिसर श्री खाटू श्याम बाबा की पे्रममय भक्ति के रंगों में डूबा रहा।
करने-कराने वाले श्याम बाबा हैं-
श्याम महोत्सव में श्री श्याम परिवार समिति के सभी सदस्य एक ही प्रकार के ड्रेस (परिधान) में अलग ही नजर आ रहे थे जो एक दूसरे को श्याम सखा के नाम से पुकार रहे थे। समिति के सदस्यों ने बताया कि यह महोत्सव का 23 वां वर्ष है। हर साल श्याम बाबा की कृपा से ही यह संभव हो पाता है,करने-कराने वाले वे ही हैं हम तो मात्र माध्यम हैं,यहां तक कि उन्होने अपना नाम भी बताने से इंकार कर दिया।

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