बेटी कुक्की बारसे धीरे से कहती है, हिड़मा काका मर गया, पापा जंगल में हैं… वापस आएंगे न?

सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में माड़वी हिड़मा के मारे जाने की खबर पहुंचते ही पूवर्ती गांव का माहौल पूरी तरह बदल गया था। पूवर्ती गांव में ही माड़वी हिड़मा का साथी नक्सली कमांडर बारसे देवा का घर है, जो सालों से हिड़मा के साथ जंगलों में सक्रिय रहा है। ग्रामीणों के अनुसार, देवा आज भी नक्सल संगठन में सक्रिय है, और हिड़मा के सबसे भरोसेमंद कमांडरों में से एक माना जाता है। नक्सली कमांडर बारसे देवा के घर में पसरी खामोशी किसी अनहोनी के डर को बयां करती है। उसकी बूढ़ी मां बड़से सिंगे कमरे के एक कोने में बैठी हैं। उनकी आंखों में घबराहट और चेहरे पर चिंता साफ झलकती है। बातचीत के दौरान वह सिर्फ इतना कह पाती हैं, हमरा ददा जंगल में है, अब क्या होगा? इसके बाद वह लंबी चुप्पी साध लेती हैं।
देवा की पत्नी नंदे बरसे दरवाजे पर बैठी दिखाई देती हैं। उनका चेहरा उतरा हुआ है, और आवाज धीमी है। गांव वालों की नजरें भी उनके घर पर टिकी हैं, जैसे किसी अनहोनी का डर सता रहा हो। नंदे कुछ भी साफ कहने से बचती हैं, लेकिन उनका डर छिपा नहीं रहता। नक्सली कमांडर बारसे देवा के परिवार में तीन बच्चे हैं, जिनमें एक बेटी और दो बेटे शामिल हैं। जिसमें से 15 वर्षीय बेटी कुक्की बारसे सबसे ज्यादा सहमी हुई नजर आई। उसकी आंखें पिता को खोने के डर को बयां कर रही थीं। वह धीरे से कहती है, ‘हिड़मा काका मर गया। पापा जंगल में हैं… वापस आएंगे न?Ó उसकी कांपती आवाज पूरे घर के माहौल को और भारी कर देती है। पूवर्ती गांव के आठ मोहल्ले-ओई पारा, बंदी पारा, तुमल पारा, डब्बा पारा, पटेल पारा, नडमा पारा, मिसि पारा और मड़कम पारा के लोग अब फुसफुसाहटों में डूबे हैं। लोग खुलकर न तो नक्सलियों का नाम ले रहे हैं, और न ही सुरक्षाबलों का, बस एक-दूसरे से धीमी आवाज में सवाल पूछ रहे हैं।
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने नक्सलियों से पुन: आग्रह करते हुए कहा कि, जितने भी लोग है सब पुर्नवास करें। चिंता न करे आपके आने तक की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। लेकिन हथियार के साथ आए और पुर्नवास करें। विदित हो कि उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा बारसे देवा को आत्मसमर्पण करने के लिए नक्सली कमांडर बारसे देवा की बूढ़ी मां बड़से सिंगे से अपील करवाया लेकिन नक्सली कमांडर बारसे देवा हिड़मा की तरह अब तक हथियार नही डाल है।







