कांग्रेस अगला विधानसभा चुनाव सामूहिक नेतृत्व पर लड़ेगी – सिंहदेव
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जगदलपुर। प्रदेश कांग्रेस के नेतृत्व में फेरबदल की चर्चाओं के बीच बस्तर राजपरिवार में विवाह समारोह में शामिल होने निजी दौरे पर बुधवार को जगदलपुर पहुंचे पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि कांग्रेस अगला विधानसभा चुनाव सामूहिक नेतृत्व पर लड़ेगी। प्रदेश कांग्रेस का नेतृत्व संभालने से जुड़े सवाल पर उन्होने कहा कि पार्टी ने जब जो जिम्मेदारी दी है मैं कभी पीछे नहीं हटा, आगे भी पार्टी जो जिम्मेदारी देगी उसका निर्वहन करुंगा। पूर्व मंत्री डॉ. चरणदास महंत के बयान पर उपजे विवाद पर सिंहदेव ने कहा कि उनका पूरा बयान प्रसारित नहीं किया गया था। महंत ने कहा था कि टीएस सिंहदेव और हम सबके सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा। उनके बयान को यह कहकर प्रचारित किया गया कि सिंहदेव के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा। उन्होने कहा कि पूरे देश में पार्टी संगठन में जिनका जहां कार्यकाल पूरा हो रहा है, वहां फेरबदल किए जा रहे हैं, केवल छत्तीसगढ़ में चर्चा चल रही है ऐसा नहीं है।
ईवीएम को लेकर बार-बार कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों द्वारा सवाल उठाने के सवाल पर टीएस सिंहदेव ने कहा कि दुनिया के ज्यादातर देशों में मतपत्र से चुनाव कराए जाते हैं। ईवीएम पर विश्वास वहां के लोगों को भी नहीं है। हमारे यहां भी जनता ईवीएम पर शंका करने लगी है। भले ही ईवीएम में गड़बड़ी सिद्ध नहीं की जा सकी है, लेकिन ईवीएम से चुनाव को प्रभावित किया जा सकता है। जनता का भी यही मानना है। कांग्रेस विधायक कवासी लखमा के विरुद्ध शराब घोटाले में ईडी की कार्रवाई के प्रश्न पर टीएस सिंहदेव ने कहा कि लखमा को भाजपा की सरकार ने फंसाया है। मैं यदि कोई डायरी में विपक्ष के नेताओं का नाम लिख दूं कि इन्हें पैसे दिए हैं, तो क्या सभी के विरुद्ध जुर्म दर्ज करा जाएगा। इसके पहले जैन डायरी सहित कई ऐसे प्रकरण देखने को मिले थे, उनका क्या हश्र हुआ यह सब जानते हैं। नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस की करारी हार पर सिंहदेव का कहना था कि प्रदेश में जिसकी सत्ता होती है आमतौर पर वही दल स्थानीय निकाय चुनाव जीतते हैं। कांग्रेस की सरकार थी उस समय प्रदेश के सभी नगर निगम में कांग्रेस चुनाव जीती थी। अभी भाजपा की सरकार है उनकी जीत हुई है। उन्होने कहा कि 30 से 40 प्रतिशत मतदाता ऐसे होते हैं, जो किसी राजनीतिक दल के सदस्य नहीं होते हैं। इनका मानना होता है कि प्रदेश में जिसकी सरकार होगी, वही नगरीय निकाय में काम करवा सकेगा, इसलिए उस दल का समर्थन कर देते हैं।
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