कांग्रेस नेताओं ने चुनावों में लगातार हुई हार की जिम्मेदारी लेने का नैतिक साहस आज तक नहीं दिखाया है – श्रीवास्तव

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट द्वारा बुधवार को ली गई कांग्रेस पोलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक को ‘एक और निरर्थक कवायद’ बताया है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि विधानसभा से लेकर हाल के निकाय व पंचायत चुनाव तक करारी शिकस्त झेलने के बाद भी कांग्रेस नेतृत्व न तो हार की जवाबदेही तय कर पाया है और न ही प्रदेश के कांग्रेस नेताओं ने हार की जिम्मेदारी लेने का नैतिक साहस दिखाया है। ऐसी स्थिति में पायलट समीक्षा के नाम पर क्या कर पाएंगे, यह विचारणीय है।
भाजपा प्रदेश महामंत्री ने कहा कि विधानसभा, लोकसभा चुनावों और रायपुर दक्षिण के उपचुनाव की हर करारी शिकस्त के बाद कांग्रेस के सारे नेता सार्वजनिक तौर पर एक-दूसरे पर हार का ठीकरा फोड़ते नजर आए। हालत यह थी कि उम्मीदवार, उम्मीदवारी के इच्छुक कांग्रेसियों ने बड़े नेताओं पर टिकटों की खरीद-फरोख्त तक के आरोप मढ़े। सत्ता व संगठन के सूत्रधारों के उपेक्षापूर्ण रवैये से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में संचित आक्रोश की हद यह थी कि मंच पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को मुँह पर खरी-खोटी सुनाई गई। कार्यकर्ताओं की पीड़ा का समाधान करने के बजाय या तो उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाकर डराने का कृत्य किया या फिर ‘स्लीपर सेल’ और ‘सत्ता-सुविधाभोगी’ बताकर और ज्यादा अपमानित किया गया। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि विचार, नेतृत्व और मुद्दों के संकट से जूझ रही कांग्रेस आज छत्तीसगढ़ में अपनी सबसे दयनीय दशा से गुजर रही है, ऐसे हालात में पायलट सिर्फ रस्म-अदायगी ही करने आए हैंं।
श्रीवास्तव ने कहा कि कांग्रेस की समीक्षा बैठकों में अब तक एक-दूसरे पर दोषारोपण करने की परम्परा रही है। वहाँ जीत का श्रेय लेने के लिए सब उतावले नजर आते हैं, लेकिन हार की जिम्मेदारी का कड़वा घूँट पीने कोई तैयार नहीं होता। श्री श्रीवास्तव ने सवाल किया कि पायलट खुद प्रदेश प्रभारी हैं, भूपेश बघेल पूर्व मुख्यमंत्री हैं, दीपक बैज प्रदेश अध्यक्ष हैं, चरण दास महंत नेता प्रतिपक्ष हैं, टी एस सिंहदेव पूर्व उप मुख्यमंत्री हैं, यह सब बैठक करते हैं तो आखिर किसी को बताते क्यों नहीं? पुरानी कमेटी की रिपोर्ट अभी तक प्रस्तुत क्यों नहीं की गई? ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कांग्रेस की समीक्षा बैठक तो बहाना है, असल में शराब घोटाले में गिरफ्तार कवासी लखमा से मिलकर उस सत्य और तथ्य तक पहुँचने के लिए पायलट छत्तीसगढ़ आए थे, जिसे छिपाकर कांग्रेस के आलाकमान को घोटालेबाज-मंडली ने अंधेरे में रखा।
