ChhattisgarhRegion

पहाड़ी कोरवा बिटिया अंजली के लिए वरदान बन गयी चिरायु योजना

Share


रायपुर। छत्तीसगढ़ के सघन जंगलों के बीच बसा जशपुर जिले का एक छोटा सा गाँव सोनक्यारी। हरे-भरे पहाड़ों की गोद में बसा यह गाँव अपने आप में सादगी और संघर्ष की कहानी समेटे हुए है। यहीं की एक छोटी-सी कुटिया में नान्हू राम का परिवार रहता है। मेहनत-मजदूरी कर किसी तरह गुजर-बसर करने वाले नान्हू राम और उनकी पत्नी के जीवन का सबसे बड़ा सुख है उनकी बिटिया अंजली। तीन भाइयों के बीच अकेली बहन होने के कारण घर में सबसे ज्यादा लाड़-प्यार उसे ही मिलता था। लेकिन किसे पता था कि मासूम अंजली के खिलखिलाते चेहरे के पीछे एक गहरी समस्या छिपी है। बचपन से ही वह दूसरों बच्चों की तरह दौड़ नहीं पाती थी। थोड़ा सा भी चलने या खेलने पर उसकी सांस फूलने लगती। धीरे-धीरे उसकी हालत बिगड़ने लगी। कभी-कभी तो ऐसा लगता जैसे वह बेहोश हो जाएगी। माता-पिता इसके लिए चिंतित थे, लेकिन गरीबी के कारण वे कुछ कर नहीं पा रहे थे।
आखिरकार, एक दिन हिम्मत जुटाकर नान्हू राम ने मनोरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बेटी को दिखाया। वहाँ डॉक्टरों ने सलाह दी कि अंजली को जिला अस्पताल ले जाना होगा। इस बीच, अस्पताल में चिरायु योजना के दल ने अंजली की जांच की। डॉक्टरों ने बताया कि अंजली के दिल में छेद है और इसे जल्द से जल्द ठीक करना जरूरी है, वरना स्थिति गंभीर हो सकती है।
यह सुनते ही नान्हू राम और उनकी पत्नी की आँखों के आगे अंधेरा छा गया। इतना बड़ा ऑपरेशन…! कहाँ से लाएंगे पैसे? यह सोचकर नान्हू की आँखों में आँसू आ गए। लेकिन तभी डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि घबराने की जरूरत नहीं है। चिरायु योजना के तहत अंजली का इलाज पूरी तरह निःशुल्क होगा, यहाँ तक कि अस्पताल तक आने-जाने और रुकने का खर्च भी सरकार उठाएगी। यह सुनकर नान्हू राम को पहली बार उम्मीद की किरण नजर आई।
कुछ ही दिनों में चिरायु योजना के अधिकारी अंजली और उसके माता-पिता को रायपुर के एक बड़े निजी अस्पताल लेकर पहुँचे। यहाँ विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने अंजली की सर्जरी की तैयारी शुरू कर दी। ऑपरेशन के दौरान नान्हू राम और उनकी पत्नी की धड़कनें भी थमी हुई थीं। वे हर पल भगवान से अपनी बेटी की सलामती की दुआ माँग रहे थे। घंटों के लंबे इंतजार के बाद, डॉक्टर बाहर आए और मुस्कुराते हुए कहा ऑपरेशन सफल रहा, अब आपकी बेटी बिल्कुल ठीक हो जाएगी ! यह सुनकर नान्हू राम की आँखों से आँसू छलक पड़े, लेकिन इस बार ये आँसू डर के नहीं, खुशी के थे।
कुछ ही दिनों में अंजली स्वस्थ होकर घर लौट आई। जो बच्ची पहले ठीक से चल भी नहीं पाती थी, अब खुशी-खुशी आंगन में खेल रही थी। उसकी हंसी पूरे घर में गूंज रही थी। नान्हू राम ने हाथ जोड़कर कहा हमारी बेटी को नई जिंदगी देने के लिए हम चिरायु योजना और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी का दिल से धन्यवाद करते हैं। यह योजना हमारे लिए किसी वरदान से कम नहीं है।

GLIBS WhatsApp Group
Show More
Back to top button