बच्चों की पढ़ाई बाधित, गैरहाजिर शिक्षकों पर सख्त कार्रवाई

शिक्षक युक्तियुक्तकरण को लगभग छह माह बीत जाने के बावजूद जिले के 11 शिक्षक अब तक नए स्कूलों में पदभार ग्रहण नहीं कर रहे हैं, जबकि उनके अभ्यावेदन अमान्य घोषित किए जा चुके हैं। ऐसे शिक्षकों की वजह से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है और शासन के निर्देश पर उनका वेतन भी पहले ही रोका जा चुका है। इसके बावजूद ज्वाइनिंग नहीं देने पर संयुक्त संचालक आरपी आदित्य ने कड़ा रुख अपनाते हुए डीईओ और बीईओ की टीम गठित कर जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। जून माह में जिले में करीब साढ़े सात सौ शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया गया था, जिसमें आवश्यकता से अधिक शिक्षकों को शिक्षकविहीन और एकल शिक्षकीय स्कूलों में भेजा गया। हाईकोर्ट और विभागीय समितियों से राहत न मिलने के बाद भी पदभार नहीं लेने वाले शिक्षकों पर अब निलंबन नहीं बल्कि बर्खास्तगी तक की कार्रवाई की तैयारी है। इसके साथ ही प्राइमरी स्कूल के 9 शिक्षकों के खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं, जिससे पदभार ग्रहण नहीं करने वाले शिक्षकों में हड़कंप मच गया है।







