मुख्यमंत्री साय की नक्सलियों से कहा- क्या प्रॉब्लम है सरकार को बताएं
रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नक्सलियों से संवाद करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि नक्सलियों को क्या प्रॉब्लम है हमें बताएं, जो उनकी जायज मांग होगी उसे पूरा करेंगे। CM साय ने कहा कि ऐसा जीना भी क्या जीना। जंगल-जंगल भटकना, खाने-सोने का ठिकाना नहीं। पता नहीं कहां से पुलिस आ जाए और गोली चल जाए इसका हर समय डर लगा रहना। इसलिए नक्सलवाद का रास्ता छोड़ कर संवाद के लिए तैयार रहें। CM विष्णुदेव साय ने कहा कि मैं आदिवासी समाज से हूं, गांव का रहने वाला हूं। आदिवासी समाज और गांव के दुख दर्द को समझता हूं।
दरअसल, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर दंतेवाड़ा जिले के जावंगा एजुकेशन सिटी के सभागृह में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर बस्तर की महिला शक्ति के मध्य आना उनका सौभाग्य है। बस्तर की वीरांगनाएं विपरीत परिस्थितियों में भी समाज और देश की रक्षा के लिए डटी हुई हैं। उन्होंने कहा कि बस्तर फाइटर्स, दंतेश्वरी फाइटर्स, CRPF समेत सुरक्षा बल पूरी दक्षता के साथ अपनी महत्वपूर्ण सेवाएं दे रहे हैं। CM साय ने महिला कमांडो सुमित्रा से कहा कि आपके साहस को हम सैल्यूट करते हैं। आपने 14 साल तक नक्सली के रूप में अपना अनुभव शेयर किया।
CM ने कहा कि हमारे यहां के स्थानीय लोग हैं, जो नक्सली हैं, उनसे हम कहना चाहेंगे। वे नक्सलवाद को छोड़ें और मुख्य धारा से जुड़कर आम लोगों का जीवन जिएं। किसी भी तरह के बहकावे में न आएं। नारायणपुर की महिला कमांडो सुमित्रा साहू ने CM साय को बताया कि वो 2004 से लेकर 2018 तक नक्सली थीं। नक्सलियों के जो अलग-अलग तरीके में काम होते हैं, सभी का हिस्सा रही। मैंने नक्सली के रूप में 14 साल तक काम किया। उन्होंने बताया कि नक्सलियों के साथ जंगल में महिलाओं की पोजीशन बहुत ही खराब होती है। खाने-पीने, कपड़े-लत्ते की दिक्कत होती है। जंगलों में भूखे प्यासे भटकना पड़ता है। अपने परिवार को भी देखने नहीं मिलता था। मैं दुखी थी इसी वजह मैंने सरेंडर किया। पुलिस अधिकारियों ने चिट्ठी भेजकर मुझे सरेंडर की करने को भी कहा था।