छत्तीसगढ़ की पीडीएस देश में बीसवें स्थान पर है, ओडिशा पहले – राकेश चौबे

रायपुर। हमर संगवारी संस्था के अध्यक्ष राकेश चौबे ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के इस टिप्पणी पर आपत्ति किया है कि छत्तीसगढ़ की सार्वजनिक वितरण प्रणाली देश की सर्वश्रेष्ठ प्रणाली है। राकेश चौबे ने भारत सरकार के खाद्य मंत्रालय द्वारा किए गए सर्वे का उल्लेख करते हुए बताया है कि देश में ओडिशा राज्य का पीडीएस सबसे बेहतरीन है। दूसरे क्रम पर उत्तरप्रदेश और तीसरे स्थान पर आंध्रप्रदेश है। छत्तीसगढ़ का नंबर बीस राज्यों में नीचे से दूसरे क्रम याने उन्नीसवे स्थान पर है। राकेश चौबे ने खाद्य मंत्रालय द्वारा किए गए सर्वे की प्रति उपलब्ध कराई है।
उन्होंने बताया कि इतने नीचे क्रम में आने का कारण छत्तीसगढ़ के वितरण प्रणाली में किया गया 600 करोड़ का घोटाला है। जिसे खुद भारतीय जनता पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्री डा रमन सिंह और पूर्व विधान सभा अध्यक्ष धर्म लाल कौशिक सहित पूर्व मंत्री राजेश मुड़त और अजय चंद्राकर द्वारा विधान सभा में उठाया जाना है। भाजपा की सरकार आने पर 600करोड़ के राशन घोटाले के लिए विधान सभा जांच समिति गठित हुई है जिसके सभापति पूर्व खाद्य मंत्री पुन्नू लाल मोहिले है।
राकेश चौबे ने केंद्र शासन द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के खाद्य मंत्रालय के सचिव को भेजे गए पत्र की प्रतिलिपि का हवाला देकर बताया कि छत्तीसगढ़ का खाद्य मंत्रालय 2023 में स्वीकार कर चुका है कि प्रदेश में 48 हजार मीट्रिक टन चांवल और 3310मीट्रिक टन शक्कर का घोटाला हुआ है। इस घोटाले की मात्रा में से 150मीट्रिक टन चांवल और 8मीट्रिक टन शक्कर की वसूली की गई है। राशन दुकानों पर कार्यवाही का उल्लेख करते हुए बताया गया है 208 राशन दुकानों को रद्द किया गया है,285राशन दुकान निलंबित की गई है और 22 राशन दुकानों के विरुद्ध एफआईआर की गई है।
हर साल भौतिक सत्यापन की भी जानकारी देने का उल्लेख खाद्य मंत्रालय के सचिव के पत्र में है। राकेश चौबे ने कहा कि पिछले दो साल से केवल भौतिक सत्यापन का नाटक किया जा रहा है। राशन की कालाबाजारी करने वालों को खाद्य संचालनालय का एक अपर संचालक का संरक्षण है। वर्तमान में इसे खाद्य संचालनालय से हटा दिया गया है। बताया जाता है कि तकनीकी त्रुटि के आड में घोटाला किया जाकर अरबों रुपए का घोटाला प्रमाणित है। इसी कारण पोर्टल से घोषणा पत्र गायब करा दिया गया है। बाजार से घटिया चांवल खरीदवाया जाकर प्रदेश की वितरण प्रणाली को देश भर में नीचे ला दिया गया है।
