छत्तीसगढ़ विधानसभा : बलौदाबाजार आगजनी मामले में विधानसभा में हंगामा, सदन तीन बजे तक के लिए स्थगित
रायपुर । बलौदाबाजार की घटना पर आज सदन में खूब हंगामा हुआ। विपक्ष ने इस मुद्दे पर स्थगन लाया, विपक्ष सभी कामकाज को रोककर बलौदाबाजार की घटना पर चर्चा कराना चाहता था। विपक्ष के स्थगन पर अजय चंद्राकर ने आपत्ति जतायी।
अजय चंद्राकर ने कहा कि सदन में न्यायिक प्रक्रिया के विषय में चर्चा नहीं हो सकती। बलौदाबाजार हिंसा के मामले में न्यायिक जांच चल रही है, इसलिए इस विषय पर चर्चा नहीं की जा सकती। अजय चंद्राकर की बातों पर नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कहा- स्थगन नियम प्रक्रियाओं के अनुरूप है। जिसके बाद सदन में बलौदाबाजार हिंसा पर चर्चा को लेकर दोनों पक्षों में बहस शुरू हो गयी।
इधर, भाजपा विधायक धर्मजीत सिंह ने भी सदन में चर्चा पर आपत्ति जतायी। धरमलाल कौशिक ने कहा कि इस मामले में जांच की घोषणा की गई है इसलिए इस विषय पर सदन में चर्चा नहीं की जा सकती। जांच रिपोर्ट प्रस्तुत होने के बाद सदन में जरूर चर्चा की जा सकती है। नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत ने कहा कि किसी कलेक्टोरेट को जला देने की घटना बेहद गंभीर है। प्रदेश की शांति और सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश हुई,हम सारे तथ्य विधानसभा में रखना चाहते हैं। इस विषय को ग्राह्य कर सदन में चर्चा कराई जानी चाहिए।
वहीं बलौदाबाजार हिंसा को लेकर डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि यह सही नहीं है कि वहां पुलिस की तैनाती नहीं थी। 500 से अधिक पुलिस बल को वहां तैनात किया गया था। उपद्रवी तत्व बेरिकेट्स को तोड़कर कार्यालय तक पहुंच गए। 14 अपराध पंजीबद्ध कर इस मामले में जांच की जा रही है। पुलिस ने विधिसम्मत कार्रवाई कर शांति स्थापित की है।
विधानसभा में इस मुद्दे पर नोंकझोंक भी हुई। विपक्ष स्थगन स्वीकार कर चर्चा की मांग कर रहा था। सतनामी समाज को न्याय देने की सदन में मांग की। विपक्ष ने अपने स्थान पर खड़े होकर नारेबाजी की। निर्दोषों की गिरफ्तारी के विरोध में सदन में विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी।