छत्तीसगढ़ में विधायक शकुंतला पोर्ते के जाति प्रमाणपत्र विवाद पर प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी

छत्तीसगढ़ के बलरामपुर कलेक्टर कार्यालय के 500 मीटर परिधि में धारा 144 लागू कर दी गई है। यह कदम भाजपा विधायक शकुंतला पोर्ते के जाति प्रमाणपत्र की जांच के लिए आज होने वाली जिला स्तरीय सत्यापन समिति की बैठक के दौरान किसी भी तरह की तनावपूर्ण स्थिति से बचने और लोक शांति बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया गया है। प्रशासन के अनुसार, कानून-व्यवस्था, लोकहित और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह प्रतिबंध लगाया गया है।
विधायक शकुंतला पोर्ते पर आरोप है कि उन्होंने चुनाव के दौरान अनुसूचित जनजाति वर्ग में अधिसूचित गोंड़ जाति का प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया, जबकि उनका मूल संबंध उत्तरप्रदेश के मऊ से है। याचिका में दावा किया गया है कि उनके पति की जाति के आधार पर वाड्रफनगर एसडीएम ने वर्ष 2002–03 में प्रमाणपत्र जारी किया, जो नियमों के अनुसार वैध नहीं था। विधायक पोर्ते ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि उनका जन्म अंबिकापुर में हुआ, शिक्षा बलरामपुर में हुई और उन्हें छत्तीसगढ़ की निवासी के रूप में वैध प्रमाणपत्र जारी हुआ। उन्होंने आरोपों को बदनाम करने की साजिश करार दिया है।







