Madhya Pradesh

ओंकारेश्वर में छठ महापर्व: श्रद्धालुओं ने नर्मदा तट पर उगते सूर्य को अर्घ्य दिया

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ओंकारेश्वर के पवित्र नर्मदा तट पर मंगलवार सुबह छठ महापर्व का समापन भक्ति, आस्था और उल्लास के साथ हुआ। चार दिन तक चले इस पर्व में मध्यप्रदेश के ओंकारेश्वर, बड़वाह, नावघाट और खेड़ीघाट के घाटों पर उत्तर प्रदेश और बिहार से आए सैकड़ों परिवारों ने सूर्य देव और छठी माईया की पारंपरिक पूजा-अर्चना की। अलसुबह चार बजे से ही श्रद्धालु घाटों पर पहुंचने लगे, जहां गन्ने के मंडप सजाए गए और टोकरी में ठेकुआ, फल, मूलियां और आटे-शक्कर से बने पारंपरिक प्रसाद रखे गए। व्रतधारी महिलाओं ने नदी किनारे बेदी बनाकर माता छठी का पूजन किया और जैसे ही सूर्य की पहली किरण क्षितिज पर दिखाई दी, उन्होंने नर्मदा जल में खड़े होकर अर्घ्य अर्पित किया। इस अवसर पर “छठी माईया की जय” और “सूर्य देवता की जय” के स्वर पूरे घाट पर गूंज उठे। व्रती महिलाओं ने बताया कि छठ पर्व की शुरुआत ‘नहाय-खाय’ से हुई थी, इसके बाद ‘खरना’ और ‘डूबते सूर्य को अर्घ्य’ की परंपरा निभाई गई और अंत में आज ‘उगते सूर्य को अर्घ्य’ देकर पर्व का समापन किया गया। ग्राम पंचायत नावघाट के उपसरपंच देवेश ठाकुर ने बताया कि घाटों की सफाई, प्रकाश व्यवस्था और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष तैयारियां की गई थीं। इस मौके पर सैकड़ों परिवारों ने श्रद्धा और भक्ति के साथ छठी माईया का पूजन किया, और नर्मदा के पवित्र तट पर सूर्य की किरणों के साथ झिलमिलाता जल और व्रती महिलाओं की आराधना का यह दृश्य आस्था, संस्कृति और प्रकृति के संगम का अनुपम उदाहरण बन गया।

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