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छत्तीसगढ के डीजीपी अरुण गौतम के गांव में जश्न का माहौल

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रायपुर/फतेहपुर। मंगलवार को सूबे के डीजीपी का ओहदा सम्हालने वाले अरुण देव गौतम की यह खबर जैसे ही उनके उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के अभयपुर गांव पहुंची पूरा गांव जश्न में डूब गया। कहीं सुंदरकांड का पाठ शुरू हो गया तो दूसरी ओर मिठाई बंटनी शुरू हो गई। अभयपुर में लोगों की खुशी का आलम यह था कि जमकर आतिशबाजी भी की।
1992 में उत्तर प्रदेश काडर के अरुण देव गौतम ने पुलिस महकमें में नौकरी शुरुआत छत्तीसगढ से की। डीजीपी के ओहदे तक पहुंचे अरुणदेव गौगौतम के पांच भाई व एक बहन हैं। वह पांच भाइयों में चौथे नंबर पर हैं। उनके तीन बड़े भाइयों में से सबसे बड़े भाई गिरजाशंकर सिंह गौतम इलाहाबाद हाईकोर्ट में अधिवक्ता हैं। वहीं दूसरे नंबर के भाई दयाशंकर सिंह गांव में रहकर खेती-किसानी का कार्य करते हैं। तीसरे नंबर के भाई अनिल कुमार सिंह रिटायर्ड क्षेत्रीय सेवायोजन अधिकारी हैं। इसके अलावा उनके एक छोटे भाई जनमेजय सिंह हैं, जो सामाजिक सेवा व राजनीति में सक्रिय हैं। सबसे छोटी बहन साधना सिंह हैं।
अरुण देव गौतम केडीजीपी बनने की सूचना जैसी गांव पहुंची पूरा गांव जश्न में डूब गया।बड़े भाई दयाशंकर सिंह, जन्मेजय सिंह, गिरिजाशरण सिंह, मुन्ना सिंह, केके सिंह, अनिल सिंह, तन्मय, अचल, गब्बू, पुष्पेंद्र, आदित्य प्रताप सिंह गौतम, प्रीतम सिंह, विजयशंकर तिवारी, मोतीलाल यादव, साधू सिंह, मलखान, उर्मिला, वंदना, अंशिका, अनन्या, अविरल व दिव्यांशी गौतम ने आतिशबाजी छुड़ाकर सभी का मुंह मीठा कराया। पारिवारिक जनों का कहना है कि अरुण देव गौतम प्रयागराज के लेटे हनुमानजी के अनन्य भक्त हैं और मंगलवार को ही उन्हें छत्तीसगढ़ पुलिस की बड़ी जिम्मेदारी मिली।

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