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रेलवे के मुख्य अभियंता विशाल को 32 लाख का रिश्वत लेते सीबीआई ने किया गिरफ्तार

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बिलासपुर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के मुख्यालय बिलासपुर में सीबीआई ने दबिश देते हुए मुख्य अभियंता (आरएसडब्ल्यू) विशाल आनंद को 32 लाख रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। मुख्य अभियंता को उसके परिवार के सदस्य के माध्यम से रिश्वत लेते समय गिरफ्तार किया गया। सीबीआई ने उनके भाई कुणाल आनंद, झांझरिया कंस्ट्रक्शन लिमिटेड हैदराबाद के प्रबंध निदेशक सुशील झांझरिया (उर्फ सुशील कुमार अग्रवाल) और कंपनी कर्मचारी मनोज पाठक को भी गिरफ्तार किया है।
सीबीआई के अनुसार, विशाल आनंद पर आरोप है कि उन्होंने झांझरिया कंस्ट्रक्शन लिमिटेड के ठेकेदार से दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में फर्म के पक्ष में कार्य आदेश और अनुबंधों को निपटाने के एवज में रिश्वत मांगी थी। आरोपी ने अपने भाई कुनाल आनंद को रांची में रिश्वत की रकम लेने भेजा था। सीबीआई ने जाल बिछाकर 32 लाख रुपए की रिश्वत लेते समय आरोपी के परिवार के सदस्य को पकड़ा और रकम बरामद कर ली। बताया जा रहा है कि शिकायत एक प्रतिद्वंदी ठेकेदार ने की थी, जिसके बाद सीबीआई ने बिलासपुर और रांची में दबिश दी। सीबीआई टीम ने रेलवे जोन मुख्यालय में चार घंटे तक छानबीन की और आवश्यक दस्तावेज जब्त किए। साथ ही, झांझरिया कंस्ट्रक्शन के दफ्तर में भी छापेमारी कर कई महत्वपूर्ण फाइलें और डिजिटल डेटा जब्त किया गया।
गौरतलब है कि झांझरिया कंस्ट्रक्शन लिमिटेड को बिलासपुर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास कार्य का करीब 395 करोड़ रुपए का ठेका मिला है। यह काम अमृत भारत योजना के तहत किया जा रहा है। इसके अलावा भी कंपनी को रेलवे के कई बड़े प्रोजेक्ट सौंपे गए हैं।
सीबीआई की जांच में सामने आया है कि मुख्य अभियंता विशाल आनंद पर पहले भी कई अनियमितताओं के आरोप लग चुके हैं। वे रांची डिवीजन में वरिष्ठ अभियंता रहते हुए भी विभागीय गड़बडिय़ों में संलिप्त रहे थे। बाद में आरबीएनएल में भी उनके खिलाफ आरोप लगे। सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने रांची में फ्लैट्स, दुकानें और खुद का एक कॉम्प्लेक्स भी बनवाया है, साथ ही ज्वेलरी और रेडीमेड गारमेंट्स के बड़े शोरूम भी संचालित कर रहे हैं। बिलासपुर में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के गठन के बाद यह पहली बार है जब सीबीआई ने रेलवे जोन मुख्यालय में छापा मारा और भ्रष्टाचार के मामले में किसी वरिष्ठ अधिकारी को गिरफ्तार किया।

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