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महतारी वंदन की राशि को जमा कर अहिरवार समाज की महिलाओं ने बड़े कार्य के लिए निकाला अनूठा रास्ता

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महासमुंद। सुभाषनगर में रहने वाली निम्न और मध्यम वर्गीय महिलाओं ने छत्तीसगढ़ सरकार की महतारी वंदना योजना के तहत मिलने वाली राशि को एक नई दिशा देकर अपने जीवन में बदलाव की शुरुआत की है। अहिरवार समाज की 14 महिलाओं ने सामूहिक रूप से इस योजना की राशि को बचत और बड़े कार्यों में निवेश का जरिया बनाया है, जिससे उनका जीवन न केवल आर्थिक रूप से सशक्त हुआ है, बल्कि सामूहिकता की भावना भी मजबूत हुई है।
हर महीने मिलने वाली 1,000 रुपए की राशि को व्यक्तिगत खर्चों में उपयोग करने के बजाय इन महिलाओं ने इसे मिलकर 14,000 रुपए के सामूहिक फंड में तब्दील कर दिया। यह फंड हर महीने की 5 तारीख को आयोजित बैठक के माध्यम से जरूरतमंद महिला को दिया जाता है। इस राशि से महिलाएं अपने परिवार की बड़ी आवश्यकताओं को पूरा कर रही हैं। समूह की सदस्य उत्तरा कहती हैं, “पहले यह राशि छोटे-मोटे खर्चों में खत्म हो जाती थी। लेकिन जब हमने इसे मिलकर बचाने का निर्णय लिया, तो इसे बड़े कामों में लगाना संभव हो पाया।” अब तक इस सामूहिक प्रयास के तहत सविता ने अपने पति की जूते की दुकान को बढ़ाने में मदद की, चंद्रिका ने अपने दामाद की बरसी पर होने वाले खर्च को पूरा किया, कोमिन ने अपने घर का पलस्तर कराया, नरगिस ने अपनी फैंसी स्टोर को विकसित किया, और गणेशी ने अपने जीवन का सपना पूरा करते हुए गंगा दर्शन किया।
इसी प्रकार से शकीला ने अपनी नातिन को अच्छे स्कूल में दाखिला दिलाया, जबकि ईश्वरी हठीले ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने घर में सीढ़ी बनवाई। उत्तरा ने अपनी बेटी की हॉस्टल फीस भरी, और रेमा ने गोदरेज की आलमारी खरीदकर अपने परिवार के लिए सहूलियत बढ़ाई। महिलाओं का कहना है कि इस योजना ने उन्हें आर्थिक मजबूती और आत्मनिर्भरता का अनुभव कराया है। गणेशी कहती हैं, “कोई हमें एक रुपए देने तैयार नहीं था, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने हमें हर महीने 1,000 रुपए देकर ऐसा सहारा दिया, जैसे मायके में पिता और बड़े भाई देते हैं।”महतारी वंदना योजना से सुभाषनगर की महिलाओं ने यह साबित किया है कि सही दिशा में किया गया छोटा प्रयास भी बड़ी उपलब्धियों की ओर ले जा सकता है।

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