बिल्डरों की सुस्ती: रायपुर में नए प्रोजेक्ट्स में गिरावट

रायपुर। छत्तीसगढ़ रियल एस्टेट सेक्टर में इस साल बिल्डरों की सुस्ती साफ नजर आ रही है। रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA) में पिछले एक साल में केवल 105 नए प्रोजेक्ट पंजीकृत हो सके हैं, जो पिछले पांच वर्षों में सबसे कम संख्या है। RERA के गठन के शुरुआती साल 2017 में भी सिर्फ 37 प्रोजेक्ट दर्ज हुए थे, लेकिन तब से मांग और गतिविधियों में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। इस साल पंजीकृत प्रोजेक्ट्स में आधे से अधिक रायपुर में हैं, जबकि अन्य जिलों के बिल्डर नए प्रोजेक्ट लाने में अधिक रुचि नहीं दिखा रहे। विशेषज्ञों का कहना है कि शहर और राज्य में मकानों की मांग में कमी और आपूर्ति में वृद्धि के कारण नए निर्माण पर ब्रेक लग गया है।
RERA की ओर से अवैध प्लॉटिंग और समय पर डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए सख्ती बरती जा रही है, जिससे बिल्डर सतर्क हो गए हैं। वहीं, छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड ने पुरानी संपत्तियों पर 30 प्रतिशत तक छूट देकर बाजार में हलचल मचा दी है। बोर्ड ने अब तक 500 करोड़ रुपये से अधिक की लगभग 2,500 यूनिट्स बेची हैं, जिससे मध्यम वर्ग का रुझान बोर्ड की ओर बढ़ा है।
खरीदारों का रुझान भी बदल रहा है। 15–35 लाख रुपये वाले फ्लैट्स की भरमार के बीच लोग अब हाई-इनकम सेगमेंट की ओर आकर्षित हो रहे हैं। करोड़ों के लग्जरी बंगले, हाइटेक सुविधाओं और हरियाली वाली कॉलोनियों की मांग बढ़ी है, लेकिन इसके लिए बड़े भूखंड चाहिए, जो शहर में अब कम उपलब्ध हैं। नतीजतन, बड़े प्रोजेक्ट फिलहाल ठप हैं और बिल्डर्स नए प्रोजेक्ट शुरू करने में धीमे हैं।





