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बिलासपुर के शिक्षक संतोष ने 24 दिन में फतह किया 6000 KM का गोल्डन क्वाड्रिलेट

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बिलासपुर। बिलासपुर के एक सामान्य शिक्षक ने इतिहास रचने का किस्सा गढ़ दिया है। मुंगेली जिले के शासकीय प्राथमिक विद्यालय सल्फा में कार्यरत संतोष गुप्ता, जो कि अल्ट्रा साइक्लिंग के प्रति गजब का जुनून रखते हैं, आज यानी 24 नवंबर को नई दिल्ली स्थित इंडिया गेट पर अपनी महायात्रा का समापन कर रहे हैं। उन्होंने देश के गोल्डन क्वाड्रिलेट मार्ग पर 6,000+ किमी की विशाल दूरी को मात्र 24 दिनों में अकेले पूरा करके सबको चौंका दिया है।
लोरमी के साधारण ग्रामीण परिवार से आने वाले संतोष गुप्ता का साइक्लिंग का इतिहास बेहद मजबूत है। उनकी पिछली यात्राओं में कश्मीर से कन्याकुमारी (K2K) 4,000+ किमी की एकल साइक्लिंग, नेपाल की यात्रा और दुर्गम लेह–लद्दाख साइक्लिंग भी शामिल है। वर्तमान अभियान नई दिल्ली से शुरू होकर कोलकाता, चेन्नई, मुंबई होते हुए वापस उसी बिंदु पर पहुंचा है। इस यात्रा का सबसे अनुपम और प्रेरक पहलू यह है कि संतोष ने यह पूरी दूरी एक सामान्य सिंगल-गियर पुरानी शैली की साइकिल पर तय की। न कोई टीम, न कोई वाहन सपोर्ट—पूरी तरह अकेले। यह उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और अनुशासन का मजबूत संकेत है, जिसने साइकिल के सिंगल गियर को भी रिकॉर्ड के ‘गियर’ में बदल दिया।
संतोष गुप्ता ने अपने इस ऐतिहासिक एकल साइक्लिंग प्रयास (भारत के गोल्डन क्वाड्रिलेट मार्ग) को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स और वर्ल्ड अल्ट्रा साइक्लिंग एसोसिएशन (WUCA), USA में मान्यता दिलाने हेतु आवेदन कर दिया है। उनके दैनिक लॉग और यात्रा के सत्यापन के जरिए उन्हें जल्द ही यह विश्व स्तरीय उपलब्धि मिलने की उम्मीद है।
शिक्षक संतोष गुप्ता युवा पीढ़ी को फिटनेस के लिए प्रेरित करना चाहते हैं और धूम्रपान, तंबाकू आदि जैसे नशे से दूर रहने का मजबूत संदेश देते हैं। वह अपनी दिनचर्या में भी रोज़ लगभग 50 किमी साइकिल चलाकर एक स्वस्थ जीवनशैली का सशक्त इफेक्ट दे रहे हैं। उनका यह समर्पण उन्हें रिकॉर्ड की ओर ले जा रहा है, जिससे उनका नाम भारत के अल्ट्रा साइक्लिंग इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो जाएगा।

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