खाद संग्रहण केंद्रों में बड़ा खेल, कंपनी से प्राप्त खाद को सीधे सोसायटी में कर रहे खाली
कवर्धा। पैसा कमाने की फिराक में किसानों के खाद के गुडवत्ता के साथ खाद संग्रहण प्रभारी खिलवाड़ कर रहे है। इससे किसानों के फसल को बड़ा नुकसान हो सकता है, इसकी जानकारी विपणन विभाग के बड़े अधिकारियों को भी है, लेकिन इस पर कोई ध्यान नही दिया जा रहा है।
दरसअल विवणन विभाग के माध्यम से सम्बंधित खाद कंपनी से खाद की सप्लाई संग्रहण केंद्रों में किया जाता है, ताकि यहाँ डंप खाद की सैंपलिंग यानी गुडवत्ता की जांच एक साथ हो सके, लेकिन संग्रहण प्रभारी कम्पनी के खाद को सीधे सोसायटी में सप्लाई करने कहा जाता है इससे उन्हें परिवहन का लाभ पहुचाने किया जा रहा है। जबकि संग्रहण प्रभारी की सीधे सप्लाई करने का अधिकार ही नही है, इसके बाद भी जिले के संग्रहण प्रभारी मनमानी कर रहे है यह मामला कवर्धा व लोहारा संग्रहण केंद्रों में अधिक किया जा रहा है।
अमानक खाद सप्लाई का डर
खाद की सप्लाई कंपनी संग्रहण केंद्रों में करती है तो खाद के सैपलिंग कर गुडवत्ता की जांच होती है, लेकिन सीधे सोसायटियों में खाद की सप्लाई की जाती है तो गुडवत्ता जांच भी नही हो पाती है, जबकि कृषि विभाग के अधिकारी कई बार सोसायटी भी जांच करने जाते है पर सभी सोसायटियों में जांच नही हो पाता है, इससे अमानक खाद का किसानों को वितरण होने का डर बने रहता है।
परिवहन को लाभ पहुचाने का खेल
दरअसल खाद की सप्लाई कम्पनी से संग्रहण केंद्र में किया जाना है, फिर संग्रहण केंद्र से सोसायटियों में सप्लाई किया जाना है, लेकिन कम्पनी खाद निकलता है और सो सोसायटी पास है उसी सोसायटी में खाद खाली करवा दिया जा रहा है, जबकि संग्रहण केंद्र तक नही आने दिया जाता, इसके बाद परिवहन भकरकर ट्रक संचालकों को लाभ पहुचाया जाता है।
सोसायटी में खाली करने का अधिकार नही
संग्रहण प्रभारी को खाद कंपनी से प्राप्त होता है उसे सीधा सोसाइटी में खाली करने का अधिकार नहीं है जिला स्तर के अधिकारियों के द्वारा लिखित आदेश कंपनी एवं प्रभारी को दिया जाता है तब कंपनी समिति को खाद्य प्रदान करती है परंतु यहां पर प्रभारी के द्वारा मनमानी ढंग से सीधा प्रदान कर संदेह की डेरा में है।
वर्सन….
यदि खाद कंपनी वाले निशुल्क खाद को सोसायटी में खाली करने तैयार है तो खाली कराया जा सकता है, संग्रहण प्रभारी को खाद संग्रहण केंद्र से बाहर खाली कराने का अधिकार नही है। सभी खाद के गुडवत्ता की जांच कृषि विभाग करती है।
(टिकेंद्र कुमार, डीएमओ, विपणन विभाग कवर्धा )