बैगा एथनिक रिसॉर्ट सरोधा दादर में छत्तीसगढ़ी, जनजातीय एवं पारंपरिक व्यंजन प्रतियोगिता का भव्य आयोजन

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार के सक्रिय प्रयासों से राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष में पर्यटन क्षेत्र नई ऊंचाइयों को छू रहा है। छत्तीसगढ़ पर्यटन बोर्ड ने 8 से 21 दिसंबर 2025 तक विशेष गतिविधियों और प्रतियोगिताओं की भव्य श्रृंखला का सफल आयोजन किया। प्रदेश के विभिन्न पर्यटन केंद्रों, रिसॉर्ट्स और रायपुर स्थित प्रधान कार्यालय में रचनात्मक कार्यक्रमों का शानदार दौर चला, जिसने स्थानीय कलाकारों और समुदायों को नई पहचान दी।
इसी कड़ी में 20 दिसंबर को कवर्धा जिले के सरोधा दादर स्थित बैगा एथनिक रिसॉर्ट में छत्तीसगढ़ी, जनजातीय एवं पारंपरिक व्यंजन प्रतियोगिता का भव्य आयोजन हुआ। स्थानीय होमस्टे संचालक गरुड़ा इन एवं लीची होमस्टे ने सक्रिय भागीदारी निभाई। चिल्फी ग्राम पंचायत के स्व-सहायता समूहों ने उत्साह के साथ हिस्सा लिया, जिनमें मां भगवती एसएचजी, मां बम्लेश्वरी एसएचजी, मैकल इको पर्यटन समिति एवं चिल्फी मिलेट कैफे प्रमुख रहे।

प्रतियोगिता का निष्पक्ष मूल्यांकन एसडीएम सुश्री सुरुचि एवं तहसीलदार बोड़ला सुश्री राजश्री पांडे ने प्रस्तुतियों का अवलोकन एवं स्वाद परीक्षण कर किया। चिल्फी मिलेट कैफे को प्रथम पुरस्कार स्वरूप 7 हजार रुपये नकद, मां बम्लेश्वरी स्व-सहायता समूह को द्वितीय पुरस्कार के रूप में 5 हजार रुपये तथा मैकल हिल इको पर्यटन समिति एवं मां भगवती स्व-सहायता समूह को संयुक्त रूप से तृतीय पुरस्कार के रूप में 3 हजार रुपये नकद प्रदान किए गए।
पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के सचिव डॉ. रोहित यादव ने विजेताओं को पुरस्कार एवं प्रमाण-पत्र प्रदान कर उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दी। श्री यादव ने प्रतिभागियों एवं स्थानीय समूहों से विस्तृत चर्चा की तथा पर्यटन अवसरों की जानकारी साझा की। श्री यादव बैगा रिसोर्ट के कर्मचारियों के आतिथ्य सत्कार से भी बहुत अधिक प्रभावित हुए तथा आगे भी उन्हें इसी तरह से कार्य करने के लिए प्रेरित किया।
प्रतियोगिता के आकर्षक छायाचित्रों और वीडियो को छत्तीसगढ़ पर्यटन बोर्ड की प्रचार सामग्री एवं डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाएगा, जिससे इन प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल सकेगी। रजत जयंती वर्ष में छत्तीसगढ़ सरकार के नेतृत्व में पर्यटन बोर्ड द्वारा लगातार आयोजित ऐसे कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य देशभर के पर्यटकों को छत्तीसगढ़ की अनछुई व चुनिंदा जगहों से रूबरू कराना है। ये प्रयास राज्य पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के साथ-साथ स्थानीय स्व-सहायता समूहों को आत्मनिर्भर बनाने में मील का पत्थर साबित हो रहे हैं।







