अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में हास्य कविताओं पर श्रोताओं ने लगाएं ठहाके
कवर्धा। पीजी कॉलेज मैदान मे आयोजित सरस मेला मे 01 मार्च को भव्य अखिल भारतीय कवि सम्मलेन का आयोजन हुआ। अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में हास्य कविताओं पर श्रोताओं ने जमकर ठाहाके लगाएं। सरस मेला मे लोकप्रिय कवि पद्मश्री सुरेंद्र दुबे, भुवन मोहनी, हिमांशु बवंडर, अमित ओरछा और अभिषेक पांडेय ने कार्यक्रम का समा बांधा. सुरेन्द्र दुबे जब मंच पर पहुंचे और अपनी हास्य कविताओं का पाठ शुरू किया तो पूरे माहौल में ठहाके गूंजने लगे थे।
कबीरधाम जिले में राज्य बनने के बाद पहली बार सरस मेला का आयोजन हो रहा है। यह आयोजन सिर्फ मनोंरजन का प्लेटफार्म नही है, बल्कि राज्य और दूसरे राज्यो में काम करने वाली महिला स्वसहायता समूह की दीदियों को उनके द्वारा तैयार की गई सभी समाग्रियों को आदर्श और सम्मान के साथ सकारात्मक माहौल में एक बाजार उपलब्ध कराना है। सरस मेला के पांचवे दिन आयोजित होने वाले सांस्कृतिक संध्या के शुभारंभ अवसर पर राज्य और दूसरे राज्यो से आई महिला स्वसहायता समूह की दीदियों से मिला।
उनके द्वारा उत्पादित घरेलू, जीवन उपयोगी समान और साज-सज्जा की सभी समानों को देखा। उन्होंने कहा आज मुझे सरस मेला में घूमने के बाद बहुत आनन्द आया। मुझे लग रहा था कि मैं आज देश के किसी बड़े शहर में आया हु। उन्होंने कहा कि मुझे क्या पूरे कबीरधाम जिले वासियो के लिए यह गर्व की बात है कि बड़े शहरों में आयोजित होने वाले ऐसे उत्सव ” सरस मेला” हमारे शहर में हो रहा है। मेले के साथ-साथ हर रोज सासंस्कृतिक संध्या का आनंद भी लोगों को मिल रहा है। हम सब ऐसे आयोजन से पूरे प्रदेश में कबीरधाम जिले और कवर्धा का नाम रौशन हो रहा है।
।कविताओं पाठ से श्रोता हुए मंत्रमुग्ध अखिल भारतीय कवि सम्मेलन मे कवियों ने कुछ अलग ही अंदाज में हास्य व्यंग को पेश किया, जिसने श्रोताओं को हसने पर मजबूर कर दिया। ओरछा से आए युवा कवि सुमित ओरछा ने राम पर कविता सुनाई। उन्होंने भगवान हनुमान और चन्द्रशेखर आजाद की तुलना करते हुए राष्ट्रीयता के स्वर से क्रांति का स्मरण कराया। “भगवान राम स्वयं हैं रूप धर्म का” इस भाव के साथ सुमित ओरछा ने राष्ट्र व राम की एकात्मता से ओतप्रोत काव्यपाठ किया। कवित्री भुवन मोहनी ने प्रेम रस की खूबसूरत पंक्तियों का मंचन किया, जिन्होंने अपनी कविताओं से श्रोताओ को मंत्रमुग्ध कर दियादिया। हास्य रस के कवि हिमांशु बवंडर ने कविताएं सुना कर दर्शकों को लोट-पोट कर दिया।