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आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ ने सुपरवाइजर पर कमीशन व उत्पीडऩ का लगाया आरोप

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बीजापुर। जिले के भोपालपटनम ब्लॉक में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ ने महिला एवं बाल विकास विभाग की सुपरवाइजर अंकिता प्रजापति के खिलाफ तानाशाही रवैये और अनियमितताओं के आरोप लगाते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ ने मोर्चा खोल दिया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ का आरोप है कि सुपरवाइजर कार्यकर्ताओं से कमीशन की मांग करती हैं, और असहमति जताने वालों के साथ अभद्र व्यवहार करती हैं।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ का दावा है कि सुपरवाइजर हर माह सुपोषण मद से 100 रुपये और टीए के 300 रुपये बतौर कमीशन वसूलने की मांग करती हैं, जो कार्यकर्ता यह राशि नहीं देते, उन्हें मानसिक रूप से प्रताडि़त किया जाता है और उनका मानदेय रोक दिया जाता है। गंभीर आरोपों में यह भी शामिल है कि गुल्लागुड़ा आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकर्ता नरेंद्रा दुर्गम का अप्रैल 2025 का सात दिन का मानदेय बिना किसी वैध कारण के काट लिया गया। कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह कार्रवाई विभागीय नियमों का उल्लंघन है। 25 अप्रैल को गोल्लागुड़ा में आयोजित सेक्टर बैठक में नरेंद्रा दुर्गम ने मानदेय कटौती का विरोध किया, जिसके बाद सुपरवाइजर ने उन्हें कथित तौर पर बैठक से बाहर निकाल दिया। इस घटना से नाराज आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ ने एकजुट होकर सुपरवाइजर के खिलाफ विरोध दर्ज किया और परियोजना अधिकारी को आज ज्ञापन सौंपकर अंकिता प्रजापति को तत्काल हटाने की मांग की।
संघ की जिलाध्यक्ष रेहाना खान ने कहा कि यदि सुपरवाइजर के खिलाफ जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो सोमवार को बीजापुर मुख्यालय में रैली निकालकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जाएगा। संघ का कहना है कि यह मामला केवल एक कार्यकर्ता का नहीं, बल्कि पूरे विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और उत्पीडऩ की समस्या को उजागर करता है।
सुपरवाइजर अंकिता प्रजापति ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि नरेंद्रा दुर्गम उनके निरीक्षण के दौरान केंद्र से अनुपस्थित थीं। उन्होंने बताया कि कार्यकर्ता ने पंजीपूर्ण नहीं की थी और पोषण ट्रैकर ऐप भी उस दिन नहीं खोला गया। प्रजापति ने दावा किया कि बाद में फर्जी इंट्री की गई, जिसके सबूत उनके पास हैं। वहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नरेंद्रा दुर्गम ने आरोपों को झूठा और बेबुनियाद बताया है।

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