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मलेरिया पीड़ितों की एम्बुलेंस अधूरी सड़क में फँसी, पढ़े पूरी खबर

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गरियाबंद। अधूरी सड़क के कारण आमामोरा में मलेरिया से ग्रसित 5 गंभीर मरीज फंस गए तब रात को ट्रैक्टर बुलाकर एंबुलेंस को खींच कर निकलवाना पड़ा। 15 साल से बन रही 24 करोड़ की सड़क को टाइगर रिजर्व की आपत्ति के बाद काम रोका गया। कुकरार के CHO दुर्गेश पुरैना अपने सहयोगियों के साथ बीती शाम ग्राम भ्रमण पर निकले थे। तभी कुकरार के कमार जनजाति के पांच मरीज पवित्रा (6 साल), रूपेश (13 साल), धान बाई (50 साल), शुक्रुरम (54 साल), प्रमिला बाई (34 साल) बुखार से पीड़ित मिले। सभी झाड़-फूंक से इलाज करा रहे थे किया जा रहा था । उन्हें समझाइश देकर अस्पताल जाने को मनाया । उनके ब्लड सैंपल लिए गए । इससे पता चला कि उन्हें मलेरिया है ।
सभी भर्ती के लायक थे। बीती शाम 6 बजे मैनपुर अस्पताल के एंबुलेंस को काल किया। डेढ़ घंटे में एंबुलेंस पहुंची। मरीज को लेकर एंबुलेंस 2 किमी ही निकली ही थी कि हथौड़ाडीह के पास अधूरी बनी सड़क में फंस गई। 2 घंटे के भारी मशक्कत के बाद एंबुलेंस को ट्रैक्टर की मदद से निकाला गया। . CHO पुरैना ने कहा कि बारिश में सभी लोगों को इसी तरह की परेशानी उठानी पड़ती है। आमामोरा गांव के आगे पुल को अधूरा छोड़ दिया गया है। इसके चलते आमामोरा पंचायत टापू में तब्दील हो जाता है। गौरतलब है कि नेशनल हाइवे 130 सी से आमामोरा ओंड़ को जोड़ने वाली 31.65 किमी सड़क निर्माण कार्य मंजूरी के 15 साल बाद भी अधूरा है। 8 किमी सीसी सड़क समेत 12 किमी सड़क ही पूरी बनी थी, 10 किमी पर बीटी कार्य पूरे कर लिए गए थे, डामर डालना भर बाकि था । शेष में काम चल रहा था कि उदंती सीता नदी टाइगर रिजर्व ने एनओसी का हवाला देकर मार्च 2025 को काम बन्द करा दिया।

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