ई रिक्शा से आत्मनिर्भर हुई आदिलक्ष्मी

कोंडागांव। नहरपारा की रहने वाली आदिलक्ष्मी यादव कभी दूसरों के घरों में भोजन बनाकर गुजारा करती थीं। लेकिन लक्ष्मी के मन में अपने पैरों पर खड़े होने सपना देखा था । अपने को आत्मनिर्भर बनने के सपने को साकार करने के लिए उन्होंने सरकार की ‘दीदी ई-रिक्शा योजना’ के बारे में जानकारी ली। श्रम विभाग के अधिकारियों ने जब उन्हें इस योजना और शासन द्वारा दी जा रही आर्थिक सहायता के बारे में विस्तार से बताया, तो लक्ष्मी के जीवन की दिशा बदल गई। सरकार की इस योजना का लाभ उठाते हुए उन्होंने ई-रिक्शा खरीदी और छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में पंजीयन होने के कारण उन्हें एक लाख रुपए की सहायता राशि भी मिली। आज लक्ष्मी अपना ई-रिक्शा चलाकर प्रतिमाह 15 से 20 हजार रुपए तक की आय कर रही हैं। इस आय से वे न सिर्फ अपनी ई रिक्शा का ईएमआई किस्त समय पर जमा कर पाती हैं, बल्कि शेष राशि से अपने परिवार का भरण-पोषण भी अच्छे से कर रही हैं। उन्होंने बताया कि ई रिक्शा चलाकर अपने मेहनत से पैसा कमाकर उन्हें बहुत खुशी मिलती है। खुद की मेहनत और लगन से आगे बढ़ने की हिम्मत रखने वाली महिलाओं के लिए यह बहुत अच्छी योजना है।
लक्ष्मी भावुक होकर बताती हैं कि कभी जिन सड़कों पर वे दूसरों के घर काम करने के लिए पैदल चला करती थीं, आज उन्हीं सड़कों पर अपने स्वयं के ई-रिक्शा की सवारी करवाती हैं।
