आचार्य विद्यासागर महाराज एक युग पुरुष थे – शाह
डोंगरगढ़। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को यहां आचार्य गुरुवर विद्यासागर महाराज के प्रथम समाधि स्मृति महोत्सव को मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित करते हुए कहा कि आचार्य विद्यासागर महाराज एक युग पुरुष थे, जिन्होंने एक नए विचार और नए युग का प्रवर्तन किया।
श्री शाह ने कहा कि कर्नाटक में जन्मे आचार्य गुरुवर श्री विद्यासागर जी महामुनिराज अपने कर्मों से भारत, भारतीय संस्कृति, भारतीय भाषाएँ और भारत की पहचान के ज्योतिर्धर बने। श्री शाह ने कहा कि शायद ही यह सम्मान किसी ऐसे धार्मिक संत को मिला होगा, जिन्होंने धर्म के साथ-साथ देश की पहचान की व्याख्या विश्व भर में की हो। श्री शाह ने कहा कि उन्हें कई बार आचार्य विद्यासागर का सान्निध्य मिला और हर बार आचार्य जी ने भारतीय भाषाओं के संवर्धन, देश के गौरव का विश्वभर में प्रसार और देश की पहचान इंडिया की बजाय भारत से होने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जी-20 सम्मेलन के निमंत्रण पत्र पर प्राइम मिनिस्टर ऑफ भारत लिख कर, मोदी ने विद्यासागर जी के विचारों को जमीन पर उतारने का काम किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आचार्य जी के विचार को जरा भी राजनीति किए बगैर जमीन पर उतारा और उनके संदेश का अनुकरण करने का काम किया। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आचार्य जी ने जीवन के अंतिम क्षण तक तपस्या का मार्ग नहीं छोड़ा। श्री शाह ने कहा कि आचार्य जी ने न केवल जैन धर्म के अनुयायियों को बल्कि जैनेत्तर अनुयायियों को भी अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा से मोक्ष का मार्ग बताने का काम किया।
श्री अमित शाह ने कहा कि यह बोलने वाले बहुत लोग मिलते हैं कि धर्म, राष्ट्र और समाज के लिए जीवन का हर क्षण समर्पित होना चाहिए। लेकिन पूरा जीवन इसी तरह जीने वाले लोग कभी-कभार ही दिखते हैं और आचार्य जी का जीवन ऐसा ही रहा। उन्होंने कहा कि आचार्य जी ने अहिंसा परमो धमर्: के सिद्धांत की समय अनुकूल व्याख्या कर पूरे विश्व में इसे स्थापित करने का काम किया। उन्होंने कहा कि आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने जैन धर्म के सिद्धांत के अनुरूप इस बात का खय़ाल रखा कि उनके शिष्य भी उन्हीं सिद्धांतों पर जीवन व्यतीत करें।
उन्होंने कहा कि आचार्य जी का प्रस्तावित समाधि स्मारक विद्यायतन युगों-युगों तक आचार्य जी के सिद्धांतों, संदेशों और उपदेशों के प्रचार का स्थान बनकर रहेगा। श्री शाह ने कहा कि जिस संत ने अपना पूरा जीवन विद्या की उपासना में बिताया, उनकी समाधि का नाम विद्यायतन के अलावा कुछ और नहीं हो सकता।
श्री शाह श्री 1008 सिद्धचक्र विधान विश्व शांति महायज्ञ में भी शामिल हुए। इस दौरान केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आचार्य श्री विद्यासागर जी की स्मृति में 100 का स्मारक सिक्का, डाक विभाग का 5 का विशेष लिफाफा, 108 चरण चिन्हों व चित्र का लोकार्पण और प्रस्तावित समाधि स्मारक विद्यायतन का शिलान्यास किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उप-मुख्यमंत्री विजय शर्मा, वित्त मंत्री ओपी. चौधरी और पूज्य मुनि समता सागर महाराज सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित थे।