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अबूझमाड़ में दिखी बदलाव, राखी पर नम हुई जवानों की आँखें

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नारायणपुर। रक्षाबंधन पर दिखी बदलाव की झलक। अबूझमाड़ के सोनपुर, डोड़रीबेड़ा, होरादी, गारपा समेत नक्सल प्रभावित गांवों की महिलाएं और बालिकाएं अपने गांव में स्थित पुलिस कैंप पहुंचीं। वहां तैनात जवानों की कलाई पर रक्षा सूत्र बाँधा । सीमा सुरक्षा बल की 133वीं वाहिनी के जवानों ने भी ग्रामीणों से वादा किया कि वे हर परिस्थिति में उनकी सुरक्षा करेंगे. महीनों घर-परिवार से दूर रहने वाले इन जवानों के लिए यह उन बहनों का विश्वास था। जिनकी रक्षा के लिए वे अपनी जान दांव पर लगाते हैं । इस कार्यक्रम में आसपास के गांवों के विभिन्न विद्यालयों और आश्रमों की 106 बालिकाएं, 13 शिक्षक और 18 ग्रामीण शामिल शामिल । जब नन्हीं-नन्हीं बच्चियों ने जवानों की कलाई पर राखी बाँधी तो जवानों की आंखें भर आईं। वर्षों से डर के माहौल में जीते गांवों के लोगों में अब विश्वास और भावनात्मक लगाव हो गया है। गौरतलब है कि सीमा सुरक्षा बल की भूमिका केवल नक्सल मोर्चे तक सीमित नहीं है। वे अबूझमाड़ के दुर्गम इलाकों में सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के प्रयासों में भी जुटे हैं। जहां कल तक स्कूल भवन अधूरे या जर्जर थे, वहां अब पढ़ाई की गूंज सुनाई देने लगी है। चिकित्सा सुविधाएं और आवश्यक सेवाएं इन घने जंगलों तक पहुँच रही हैं।

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