Chhattisgarh

एमिटी यूनिवर्सिटी कर रही सूचना के अधिकार अधिनियम का उल्लंघन: प्रशांत गोस्वामी

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रायपुर : प्रशांत गोस्वामी जिलाध्यक्ष रायपुर ग्रामीण, भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) के द्वारा दिनांक 05-02-2024 को रजिस्टर डाक के माध्यम से सूचना प्राप्ति हेतु कुल 20 आवेदन सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत किया गया था. परंतु एमिटि विश्वविद्यालय द्वारा Ref. No.: AUC/RTI/2024/824, Date: 28.02.2024 के माध्यम से Definition of Public Authority under 2 (h) RTI Act, 2005 का हवाला देते हुए सूचना देने से वंचित रखा गया।

यह सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 (छत्तीसगढ़ शासन के महत्वपूर्ण नियमों, आदेशों एवं निर्देशों सहित, पृष्ठ संख्या 137 में कंडिका कमांक 6 में अंकित समस्त विश्वविद्यालय) का उल्लंघन हैं, Amity University Chhattisgarh has been Established vide Chhattisgarh Act no. 13 of 2014 and is recognized by u/s 2 (f) of UGC

Act 1956 के तहत संचालित है एवं एमिटि विश्वविद्यालय, प्रायोजक निकाय का नाम श्री नितनंद बलदेव इंटरनेशनल एजुकेशन फाउंडेशन, प्रायोजक निकायकी का नाम सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 (1860 का सं. 21) पंजीयन क. एस- 30655 सन् 1996, दिनांक 19-12-1996 के तहत स्थापित है जो पूर्णतः छत्तीसगढ़ राज्य अधिनियम के अंतर्गत आती है। इनके द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है, जिसकी शिकायत राज्य सुचना आयोग और केन्द्र सुचना आयोग को की गई ! दिखावे के लिए इन्होंने युनिवर्सिटी के ऑफिसियल वेबसाइट में RTI Act. 2005 के तहत Appellate Officer and Public Information Officer को नियुक्त कर रखा है, विश्वविद्यालय द्वारा सूचना न प्रदान करना पूर्णतः असंवैधानिक है जो An Act of State Legislature of Chhattisgarh as a Private University की भी धज्जियां उड़ाता है एवं जानकारी न देकर सूचना को छुपाने से यह प्रतीत होता है कि इस विश्वविद्यालय में अनेक कार्य असंवैधानिक रूप से कियान्वित हो रहें है। NSUI सभी छात्र छात्राओं का ध्यान इस ओर आकर्षित करना चाहते है कि इस विश्वविद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को कार्यालाय आयुक्त, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास, इन्द्रावती भवन, ब्लाक-डी, अटल नगर जिला रायपुर, छ.ग. के द्वारा पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति (कक्षा 12वीं से उच्चतर) प्राप्त होती है एवं विश्वविद्यालय शासकीय प्रोजेक्ट पाने के लिए भी स्वतंत्र है।

एमिटी यूनिवर्सिटी में व्याप्त अनियमितताओं के विरुद्ध NSUI के बैनर तले अनेक अंदोलन हो चुके है साथ ही इसकी लिखित शिकायत राजभवन, उच्च शिक्षा संचनालय UGC भारत सरकार और PURC को प्रशान्त गोस्वामी के द्वारा की गई एवम् प्रार्थना की गई की छात्रहित को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय के असंवैधानिक कृत्य के विरूध जांच कराई जाए एवं दंडित किया जाए। पूर्व में भी NSUI द्वारा विश्वविद्यालय में व्यापत अनियमितताओं के संबंध में शिकायत पत्र विश्वविद्यालय के कुलपति, छ.ग. निजी विश्वविद्यालय के अध्यक्ष एवं माननीय राज्यपाल महोदय के समक्ष की जा चुकी है परंतु इस संबंध में कोई भी ठोस कार्यवाही नहीं की गई है। इस प्रकार यह विश्वविद्यालय शिक्षा का बाजारीकरण बेखौफ तरीके से निरंतर कर रहा है। एवम् आने वाले सत्र में छत्तीसगढ़ राज्य के भोले भाले विद्यार्थियो को ठगने का काम इनके द्वारा किया जायेगा जिसकी कड़ी निन्दा NSUI करता हैं जल्द ही उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी ,,,, “छात्र छात्राओं के भविष्य कसे खिलवाड़ NSUI नहीं सहेगा,” “छात्र छात्राओं के सम्मान में NSUI मैदान में” प्रशांत गोस्वामी

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