साहित्य और संवेदना: सीमा पार हो रहे अन्याय पर चिंता व्यक्त

कवि कुमार विश्वास हाल ही में ‘अपने अपने राम’ कार्यक्रम के लिए रायपुर पहुंचे और इस दौरान उन्होंने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हो रहे अत्याचार पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने इसे बेहद दुखद बताया और कहा कि इस तरह की घटनाएँ न केवल मानवाधिकारों के उल्लंघन का संकेत हैं, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक असहिष्णुता को भी दर्शाती हैं। उनका मानना है कि भारत सरकार को इस मामले पर कठोरता से संज्ञान लेना चाहिए और संबंधित मुद्दों पर स्पष्ट दृष्टिकोण अपनाना चाहिए, ताकि प्रभावित समुदाय को सुरक्षा और न्याय मिल सके। कुमार विश्वास ने यह भी व्यक्त किया कि उन्हें पूरा विश्वास है कि सरकार इस गंभीर स्थिति पर विचार कर रही होगी और आवश्यक कदम उठाएगी, ताकि सीमा पार रहने वाले नागरिकों के अधिकारों और सुरक्षा की रक्षा सुनिश्चित हो सके। उनकी यह चिंता इस बात का प्रतीक है कि देश के नागरिक और साहित्यिक हस्तियाँ सिर्फ अपनी ही समस्याओं तक सीमित नहीं रहतीं, बल्कि पड़ोसी देशों में होने वाले अन्याय और अत्याचार पर भी संवेदनशील रहती हैं और उसके समाधान के लिए आवाज उठाती हैं। इस तरह के बयान समाज में जागरूकता फैलाने और राजनीतिक स्तर पर कार्रवाई की दिशा में दबाव बनाने में मदद कर सकते हैं।







